Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। इसी को देखते हुए जिलाधिकारी (डीएम) आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. ईरज राजा ने करंडा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। अधिकारियों ने महाबलपुर, दीनापुर बड़हरिया और मैनपुर सहित अन्य प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद करने के लिए निर्देश जारी किए।
गाजीपुर में गंगा का जलस्तर और बाढ़ की स्थिति
रेवतीपुर व खानपुर क्षेत्र में बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुसने से अब ग्रामीण सुरक्षित स्थान ढूंढने लगे हैं। वहीं मैदानी इलाकों के बाद अब पानी सड़कों पर पहुंचा तो कई मार्गों से आवागमन ठप हो गया। जबकि करंडा के पुरैना, शेरपुर के जलालपुर, मुबारकपुर व नगर के पत्थर घाट में कटान एक बार फिर शुरू हो गया। बाढ़ को लेकर प्रशासनिक तैयारी सही नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
17 सितंबर 2024 की स्थिति के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर 63.650 मीटर पर पहुँच चुका है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। गंगा का जलस्तर फिलहाल 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, जो आने वाले समय में और गंभीर स्थिति का संकेत देता है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण @CMOfficeUP @UPGovt @ChiefSecyUP pic.twitter.com/95L2nYNrIy
— DM_Ghazipur (@AdminGhazipur) September 16, 2024
पिछले वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक, गंगा का उच्चतम जलस्तर 2021 में 64.680 मीटर, 2022 में 64.390 मीटर और 2023 में 61.700 मीटर रहा। 2019 में भी जलस्तर 64.530 मीटर तक पहुँच चुका था, जो एक खतरनाक स्थिति की ओर इशारा करता है। सामान्यतः गंगा का जलस्तर 59.906 मीटर रहता है, जबकि चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर पर है। मौजूदा जलस्तर 63.650 मीटर होने के कारण नदी खतरे के निशान 63.105 मीटर को पार कर चुकी है।
राहत कार्यों के लिए निर्देश
डीएम आर्यका अखौरी ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी आवश्यक सामग्री, जैसे राहत शिविर, भोजन, चिकित्सा सुविधा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके अलावा, एसपी डॉ. ईरज राजा ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रशासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि गंगा के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए और आपातकालीन स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की योजना तैयार की जाए।
बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सभी नागरिकों से सावधानी बरतने और अनावश्यक रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में न जाने की अपील की है।
डीएम ऑफिस में बाढ़ कंट्रोल रूम बना
जिले में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए डीएम कार्यालय में बाढ़ कण्ट्रोल रूम 0548 -2224041, 9454417103 को चालू कर दिया गया है। सोमवार डीएम आर्यका ने कहा कि आप सभी बाढ़ से सम्बन्धित सूचना/शिकायत /सहायता हेतु सम्पर्क कर सकते है। जिला प्रशासन आप के साथ हैI आप की पूरी सहायता करेगा।