Zamania News: लोक आस्था का पर्व छठ शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया। इसके बाद व्रतियों ने 36 घंटे बाद अन्न जल ग्रहण कर ‘पारण’ किया।
शुक्रवार को अहले सुबह से ही जमानियां के चक्काबांध गंगा घाट, बड़ेसर घाट और बलुआ घाट से लेकर आसपास के तालाबों, विभिन्न जलाशयों के किनारे बने छठ घाटों तक हजारों श्रद्धालुओं ने आकाश में सूर्य की लालिमा के साथ ही भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया गया। चक्काबांध गंगा तट पर बड़ी संख्या में छठ व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे।
विभिन्न घाटों पर निःशुल्क चाय वितरण के स्टॉल भी लगाए गए थे। सुबह तड़के घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं की इन स्टॉलों पर भारी भीड़ देखी गई। वहीं ऊषा अर्घ्य के बाद कई व्रतियों ने भी पारण के बाद चाय का आनंद लिया।
छठ पर्व को लेकर चार दिनों तक पूरा इलाका भक्तिमय रहा। मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे।गौरतलब है कि मंगलवार को नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का यह महापर्व प्रारंभ हुआ था।