IND vs NZ चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल टाई हो या बारिश की भेंट चढ़ जाए है तो क्या होगा!

9 मार्च को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच दुबई में खेला जाएगा। यदि भारत यह खिताब जीतता है, तो वह तीन बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली पहली टीम बन जाएगी। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड दूसरी बार यह खिताब जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगा।

यह दूसरी बार है जब भारत और न्यूजीलैंड चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में आमने-सामने होंगे और तीसरी बार किसी आईसीसी खिताबी मुकाबले में भिड़ेंगे। हालांकि, अब तक खेले गए इन सभी खिताबी मुकाबलों में न्यूजीलैंड ने भारत को हराया है।

क्या होगा अगर मैच टाई या रद्द हो जाता है?

फाइनल मुकाबले में बारिश की संभावना कम है और टाई होने की संभावना भी न के बराबर। हालांकि, अगर ऐसा होता है तो नियमों के मुताबिक:

अगर मैच टाई होता है, तो सुपर ओवर खेला जाएगा। अगर सुपर ओवर भी टाई हो जाता है, तो तब तक सुपर ओवर खेले जाते रहेंगे, जब तक कोई विजेता न मिल जाए।

न्यूजीलैंड को सुपर ओवर से जुड़ी 2019 वर्ल्ड कप की कड़वी यादें अब भी सताती होंगी, जब इंग्लैंड ने बाउंड्री काउंट नियम के आधार पर उन्हें हराया था। हालांकि, अब वह विवादित नियम हटा दिया गया है।

अगर बारिश के कारण दोनों पारियों में कम से कम 20 ओवर का खेल नहीं हो पाता, तो मैच बिना किसी नतीजे के खत्म हो जाएगा और दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया जाएगा।

कोई रिजर्व डे नहीं रखा गया है, इसलिए अगर मैच धुल जाता है, तो ट्रॉफी साझा की जाएगी। ऐसा पहले 2002 में भारत और श्रीलंका के बीच हुआ था, जब फाइनल मैच रिजर्व डे के बावजूद बारिश की भेंट चढ़ गया था।

क्या इतिहास दोहराएगा न्यूजीलैंड?

अगर इतिहास पर नजर डालें, तो भारत के लिए यह मुकाबला आसान नहीं होगा। 1988 से अब तक भारत और न्यूजीलैंड के बीच 4 फाइनल खेले गए हैं, जिसमें भारत सिर्फ एक बार जीता है।

आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी रहा है। भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए 37 साल पुराना ‘फाइनल जिंक्स’ तोड़ना होगा।

दिग्गजों के लिए आखिरी ICC फाइनल?

यह मुकाबला विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा और केन विलियमसन जैसे दिग्गजों के लिए आईसीसी इवेंट का आखिरी मैच साबित हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो ये खिलाड़ी गौरवपूर्ण विदाई लेने के लिए अपना सब कुछ झोंक देंगे।

9 मार्च को एक टीम इतिहास रचेगी, तो दूसरी टीम यह सोचकर रह जाएगी कि ‘क्या हो सकता था।’

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