Bihar Chunav Exit Poll: इस बार भाजपा, जदयू और राजद को कितनी मिल रही सीटें?

Bihar Chunav Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों का मतदान खत्म हो चुका है और अब सभी प्रमुख एजेंसियों के एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। शुरुआती रुझानों में भाजपा-जदयू गठबंधन यानी एनडीए को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन पीछे नजर आ रहा है।

Bihar Chunav Exit Poll: एनडीए को बढ़त दिखा रहे एग्जिट पोल

मैटराइज एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को बहुमत से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। अनुमान के अनुसार बीजेपी को 65-73, जदयू को 67-75, लोजपा (रामविलास) को 7-9, हम को 4-5 और आरएलएम को 1-2 सीटें मिल सकती हैं।

महागठबंधन को 70–90 सीटों का अनुमान है। इसमें राजद को 53-58, कांग्रेस को 10-12, वीआईपी को 1-4 और वाम दलों को 9-14 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। जन सुराज पार्टी को 0-2 और अन्य दलों को 11-24 सीटें मिल सकती हैं।

पी-मार्क एग्जिट पोल ने भी एनडीए को मजबूत स्थिति में बताया है। इस पोल में बीजेपी को 68–78, जदयू को 62–72, राजद को 63–79, कांग्रेस को 9–19, जन सुराज को 1–4, लोजपा (आरवी) को 7–9 और वीआईपी को 1–4 सीटें मिलने का अनुमान है।

पीपल्स पल्स और पोलस्ट्रैट दोनों ने एनडीए को बहुमत के करीब बताया है। दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल में एनडीए को 145–160 सीटें और महागठबंधन को 73–91 सीटें मिलने का अनुमान है। पीपल्स इनसाइट और जेवीसी सर्वे के अनुसार भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार एक बार फिर बन सकती है।

2005 से 2025 तक, बिहार का चुनावी आंकड़ा

बिहार की राजनीति पिछले दो दशकों में कई करवटें ले चुकी है — गठबंधन बने, टूटे और फिर बने। नीतीश कुमार इस दौर के सबसे निर्णायक चेहरे बने रहे।

2005: नीतीश की पहली बड़ी जीत

फरवरी 2005 में चुनाव हुए लेकिन कोई दल बहुमत नहीं जुटा सका। राजद को 75, जदयू को 55, भाजपा को 37 और लोजपा को 29 सीटें मिलीं।
राष्ट्रपति शासन लगा और अक्तूबर 2005 में दोबारा चुनाव हुए। इस बार एनडीए (जदयू+भाजपा) को बहुमत मिला — जदयू को 88 और भाजपा को 55 सीटें मिलीं। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और यही से उनकी राजनीतिक यात्रा का नया अध्याय शुरू हुआ।

Bihar Exit Poll 2025 hindi: आ रहे नीतीशे, एग्जिट पोल में NDA को प्रचंड बहुमत, महागठबंधन फेल

2010: एनडीए की ऐतिहासिक जीत

2010 में जदयू और भाजपा की जोड़ी ने 206 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। जदयू को 115 और भाजपा को 91 सीटें मिलीं। नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बने और उन्होंने विकास के एजेंडे को आगे रखा।

2015: नीतीश और लालू की अप्रत्याशित जोड़ी

2015 में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव 20 साल बाद साथ आए। जदयू, राजद और कांग्रेस मिलकर महागठबंधन बनाए।
इस चुनाव में महागठबंधन को भारी जीत मिली — राजद को 80, जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं। एनडीए सिर्फ 58 सीटों पर सिमट गया।
हालांकि, 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते नीतीश ने महागठबंधन से अलग होकर फिर एनडीए में वापसी कर ली।

2020: एनडीए की वापसी, लेकिन भाजपा का पलड़ा भारी

2020 के चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सरकार बना ली।
भाजपा ने 74 सीटें जीतीं, जबकि जदयू 43 पर सिमट गई। इसके बावजूद नीतीश मुख्यमंत्री बने।

2022–2024: राजनीतिक पाला बदल

2022 में भाजपा से मतभेद के बाद नीतीश ने फिर महागठबंधन के साथ हाथ मिला लिया, लेकिन यह साथ ज्यादा नहीं चला। जनवरी 2024 में उन्होंने एक बार फिर एनडीए में वापसी कर ली।

सभी एग्जिट पोल के औसत में एनडीए को 140–160 और महागठबंधन को 80–100 सीटें मिलने का अनुमान है। जन सुराज को 0–5 और अन्य दलों को 5–20 सीटें मिल सकती हैं।
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है, और लगभग हर एग्जिट पोल में एनडीए इसे पार करता दिख रहा है। 14 नवंबर को होने वाली मतगणना तय करेगी कि क्या ये अनुमान हकीकत में बदलते हैं या नहीं।

c38c4153506a55f8100e23b49f2caae9bd36566652a67cea1dcf55f764643161?s=96&d=mm&r=g

मयंक शेखर

मैं मीडिया इंडस्ट्री से पिछले 7 सालों से जुड़ा हूं। नेशनल, स्पोर्ट्स और सिनेमा में गहरी रूचि। गाने सुनना, घूमना और किताबें पढ़ने का शौक है।

Leave a Comment