अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण आज ऐतिहासिक माहौल में संपन्न हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराई. उनके साथ RSS प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाते ही 161 फीट ऊंचे शिखर पर केसरिया ध्वजा लहराने लगा. मंदिर परिसर जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा.
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में कहा कि आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है. हर रामभक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है. सदियों के घाव भर रहे हैं, सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. उन्होंने कहा कि यह ध्वज सिर्फ एक ध्वज नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है. इसका भगवा रंग, सूर्यवंश की ख्याति, ‘ॐ’ और कोविदार वृक्ष राम राज्य की भावना को दर्शाते हैं. यह संकल्प, संघर्ष, सफलता और पीढ़ियों के सपनों का साकार रूप है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या वह भूमि है, जहां आदर्श आचरण में बदलता है. श्रीराम यहां से युवराज बनकर निकले और पुरुषोत्तम बनकर लौटे. आने वाली सदियां इस ध्वज से प्रेरणा लेंगी कि प्राण जाए, पर वचन न जाए. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होना ही चाहिए. बीते 11 वर्षों में महिला, दलित, पिछड़े, किसान, श्रमिक और युवाओं को विकास के केंद्र में रखा गया है. जब हर वर्ग सशक्त होगा, तभी संकल्प सिद्ध होगा.
सप्त मंदिर का दर्शन करने की अपील
प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से कहा कि राम मंदिर के साथ सप्त मंदिर अवश्य देखें. यहां एक ही स्थान पर माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य और संत तुलसीदास की प्रतिमाएं हैं. जटायु और गिलहरी की मूर्तियां याद दिलाती हैं कि छोटे से छोटे प्रयास भी बड़े संकल्पों को सिद्ध करते हैं.
मोहन भागवत बोले – जिनका सपना था, आज उनकी आत्मा तृप्त हुई
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज का दिन उन संतों और भक्तों के लिए सार्थकता का क्षण है जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष किया और अपना सर्वस्व न्योछावर किया.
उन्होंने कहा कि राम राज्य का ध्वज आज फिर अयोध्या के आकाश में लहराया है. कोविदार वृक्ष त्याग, छाया और लोककल्याण का प्रतीक है. हिंदू समाज ने साढ़े पांच सौ साल तक अपने सत्व को सिद्ध रखा, तभी आज रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हैं.
योगी आदित्यनाथ बोले – यह यज्ञ की पूर्णाहुति नहीं, नए युग की शुरुआत है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मध्वज भगवान राम की मर्यादा, सत्य, न्याय और राष्ट्रधर्म का प्रतीक है. 140 करोड़ भारतीयों की आस्था आज साकार हुई है. संघर्ष चाहे जितना हुआ, लेकिन आस्था कभी नहीं झुकी. उन्होंने कहा कि RSS के हाथों में कमान आने के बाद एक ही उद्घोष गूंजा – रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे. आज वही सपना साकार हुआ है. अयोध्या अब आस्था और आधुनिकता के संगम का केंद्र बन रही है. बेहतर कनेक्टिविटी, सोलर सिटी और सांस्कृतिक धरोहर के साथ यह नया युग देख रही है.
ध्वजारोहण के मुख्य बातें
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मंदिर के शिखर पर 2 किलो वजनी केसरिया ध्वज फहराया गया
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सुबह रामदरबार में पूजा और आरती हुई
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रामलला ने सोने और रेशम के धागों से बने पीतांबर वस्त्र धारण किए
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शहर को 1000 क्विंटल फूलों से सजाया गया
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ATS, NSG, SPG और PAC के जवान तैनात रहे
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स्कूली बच्चों और महिलाओं ने रोड शो के दौरान स्वागत किया
अयोध्या आज सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनकर सामने आई. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षण इतिहास में दर्ज रहेगा, लेकिन इसका उद्देश्य आने वाले हजार वर्षों की तैयारी है.
मयंक शेखर
मैं मीडिया इंडस्ट्री से पिछले 7 सालों से जुड़ा हूं। नेशनल, स्पोर्ट्स और सिनेमा में गहरी रूचि। गाने सुनना, घूमना और किताबें पढ़ने का शौक है।









