चीनी लहसुन और देसी लहसुनः हाल के दिनों में भारत में लहसुन की बढ़ती कीमतों ने बाजारों में चीनी लहसुन (Chinese Garlic) की अवैध तस्करी और बिक्री को बढ़ावा दिया है। चीन से सस्ते दामों पर आने वाले इस लहसुन को भारत में तस्करी के जरिए लाया जा रहा है, जो भारतीय मानकों के अनुरूप नहीं है और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माना गया है। इसे रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसमें पुलिस, प्रशासन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, और जीएसटी के अधिकारी शामिल हैं।
चीनी लहसुन: स्वास्थ्य के लिए खतरनाक (chinese garlic vs indian garlic)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी लहसुन में अत्यधिक कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग होता है, जिससे यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। प्रयागराज मंडल में मंडलायुक्त द्वारा मंडल स्तरीय और जिलाधिकारी द्वारा जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है ताकि इस लहसुन की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। हालांकि, बाजार में चीनी लहसुन की बिक्री अभी भी जारी है, जो कि न केवल आर्थिक लाभ के लिए है बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रही है।
प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम बिक्री
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2014 में ही चीनी लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि यह भारतीय खाद्य मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया था। इसके बावजूद यह लहसुन आज भी बाजारों में खुलेआम बिक रहा है। याचिकाकर्ता मोतीलाल यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दायर कर इस मुद्दे को उठाया। याचिका में उन्होंने चीनी लहसुन को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। याचिका में दावा किया गया कि चीनी लहसुन में तय सीमा से अधिक कीटनाशक और रसायनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह स्लो पॉयजन की तरह काम करता है।
कोर्ट का दखल और जांच के आदेश
30 सितंबर को हुई सुनवाई में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चीनी लहसुन के अवैध प्रवेश पर चिंता जताते हुए जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने एडिशनल फूड सेफ्टी कमिश्नर को लहसुन के नमूनों का परीक्षण कराने और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही, कोर्ट ने हेल्पलाइन जारी करने का भी निर्देश दिया ताकि लोग इस लहसुन की बिक्री की जानकारी दे सकें। कोर्ट ने सरकार को इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के भी निर्देश दिए, जिससे लोग इस हानिकारक लहसुन के सेवन से बच सकें।
तस्करी के जरिए नेपाल और बांग्लादेश से प्रवेश
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि चीनी लहसुन की तस्करी नेपाल और बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों से की जा रही है। नेपाल के रास्ते से चीनी लहसुन को भारत में लाकर कम कीमत पर बेचा जा रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में चीनी लहसुन की कई बोरियां जब्त की गई थीं, जिन्हें पिकअप ट्रक के जरिए नेपाल से लाया जा रहा था।
चीनी और देसी लहसुन में अंतर कैसे करें?
चीनी लहसुन की पहचान करना मुश्किल नहीं है। इसकी कलियां बड़ी और चमकदार होती हैं, जबकि देसी लहसुन की कलियां छोटी और पतली होती हैं। चीनी लहसुन की गंध भी बहुत कम होती है, जबकि देसी लहसुन की तेज गंध होती है। इसके अलावा, चीनी लहसुन का छिलका आसानी से निकल जाता है, जबकि देसी लहसुन का छिलका चिपकता है और निकालने में कठिनाई होती है।
इस तरह, चीनी लहसुन न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहा है, जिससे सरकार के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। कोर्ट के आदेशों के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस पर सख्त कार्रवाई होगी और लोगों को इस हानिकारक लहसुन से बचाया जा सकेगा।