Benefits of warm water in monsoon: जैसे ही मानसून दस्तक देता है, हवा में नमी और उमस बढ़ जाती है। 2025 की ये मानसून भी कई वायरल लेकर आने वाली है। यह मौसम वायरस और बैक्टीरिया के पनपने के लिए सबसे अनुकूल होता है, जिससे सर्दी-खांसी, गले में खराश, पेट की बीमारियां और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में गुनगुना पानी पीने की आदत एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय हो सकती है, जो न सिर्फ रोगों से बचाव करती है, बल्कि शरीर को भीतर से शुद्ध और संतुलित भी बनाती है।
आयुर्वेद क्या कहता है?
“उष्णं जलं पचति आमं तेन रोगा न जायते।”
इस प्राचीन श्लोक का अर्थ है—गर्म पानी शरीर में जमे हुए ‘आम’ यानी अपच पदार्थों (टॉक्सिन्स) को पचाता है, जिससे रोग नहीं होते।
चरक संहिता के अनुसार, मानसून में शरीर की पाचन अग्नि (digestive fire) कमजोर हो जाती है। इससे खाना ठीक से नहीं पचता और शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं। यही टॉक्सिन्स बाद में बीमारियों का कारण बनते हैं। गुनगुना पानी इन्हें बाहर निकालने में सहायक होता है।
गुनगुना पानी पीने के वैज्ञानिक और स्वास्थ्यवर्धक फायदे
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इम्यूनिटी बूस्टर: नियमित रूप से गुनगुना पानी पीने से सर्दी-खांसी, गले की खराश और अन्य वायरल इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
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गले और कफ की राहत: बारिश के मौसम में गले में जमा कफ को गुनगुना पानी पिघलाता है, जिससे गले की खराश और भीड़भाड़ से राहत मिलती है।
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पाचन शक्ति में सुधार: यह भोजन को पचाने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
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जोड़ों और मांसपेशियों की अकड़न कम करता है: मानसून में ठंडक के कारण शरीर में जकड़न महसूस होती है। गर्म पानी पीने से मांसपेशियों को राहत मिलती है।
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त्वचा को बनाता है साफ और चमकदार: गर्म पानी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, जिससे कील-मुंहासों में कमी आती है और त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनती है।
गुनगुना पानी पीने का सही समय (आयुर्वेदिक अनुशंसा)
सुश्रुत संहिता के अनुसार दिन के ये तीन समय सबसे उपयुक्त माने जाते हैं:
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सुबह खाली पेट: यह शरीर को डिटॉक्स करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
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भोजन से 30 मिनट पहले: पाचन रसों के स्त्राव को बढ़ाता है और भूख को नियंत्रित करता है।
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भोजन के 30 मिनट बाद: खाने को सही तरीके से पचाने में मदद करता है।
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रात को सोने से पहले: नींद में सहायक होता है और रातभर शरीर की सफाई में मदद करता है।
इन बातों का रखें ध्यान
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बहुत गर्म पानी न पिएं, जिससे मुंह या गले की त्वचा जल सकती है।
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तांबे या स्टील के बर्तन में उबाला गया पानी सर्वोत्तम होता है।
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चाहें तो इसमें अदरक, तुलसी या हल्दी की कुछ बूंदें डाल सकते हैं।