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भदोही में टोल घोटाला: ₹62.87 करोड़ की स्टांप शुल्क चोरी, टोल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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उत्तर प्रदेश के भदोही जिले स्थित लालानगर टोल प्लाजा से जुड़े एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। काशी टोलवे प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी पर आरोप है कि उसने 15 साल के टोल संचालन अनुबंध को मात्र ₹100 के स्टांप पेपर पर दर्ज कर सरकार को करोड़ों रुपये के स्टांप शुल्क से वंचित किया।

एआईजी स्टांप पंकज सिंह की निगरानी में हुई जांच में यह सामने आया कि यह अनुबंध 15 वर्षों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर वाराणसी-प्रयागराज मार्ग के लालानगर टोल प्लाजा के संचालन के लिए किया गया था। यह एक दीर्घकालिक लीज एग्रीमेंट था, जिस पर नियमानुसार कुल अनुबंध मूल्य का 2% स्टांप शुल्क देय होता है।

3144 करोड़ का अनुबंध, 62.87 करोड़ की राजस्व क्षति

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी को ₹3144 करोड़ रुपये का टेंडर प्राप्त हुआ था। इस हिसाब से उसे लगभग ₹62.87 करोड़ का स्टांप शुल्क जमा करना था, जो कंपनी ने जानबूझकर नहीं चुकाया। इसके बजाय, उसने अनुबंध को ‘सामान्य’ बताकर मात्र ₹100 का स्टांप शुल्क चुकाया — जो न केवल स्टांप कानून का स्पष्ट उल्लंघन है, बल्कि सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाला कदम भी है।

मुकदमा दर्ज, मिलीभगत की भी जांच

इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए एआईजी स्टांप पंकज सिंह ने शुक्रवार देर शाम कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने अनुबंध की प्रकृति को गलत तरीके से प्रस्तुत कर यह जानबूझकर किया, ताकि भारी शुल्क से बचा जा सके।

राजस्व विभाग में इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है। इस मामले को अब प्रदेश में स्टांप शुल्क चोरी के सबसे बड़े घोटालों में गिना जा रहा है। जांच एजेंसियां अब यह भी खंगाल रही हैं कि क्या इस पूरे अनुबंध और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में किसी सरकारी अधिकारी की मिलीभगत रही।

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