Digital Arrest: क्या आपको कभी ऐसा फोन आया है जिसमें आपसे कहा गया हो कि आप किसी अपराध में शामिल हैं और आपको गिरफ्तार किया जाएगा? यदि हाँ, तो आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए हैं। डिजिटल अरेस्ट एक नया साइबर अपराध है जिसमें ठग लोगों को डराकर उनसे पैसे ऐंठते हैं। वे खुद को पुलिस, सीबीआई या अन्य सरकारी एजेंसी के अधिकारी बताते हैं और लोगों को धमकाते हैं कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
डिजिटल अरेस्ट कैसे होता है? ( digital arrest kya hota hai)
डिजिटल अरेस्ट में किसी शख्स को ऑनलाइन माध्यम से डराया जाता है कि वह सरकारी एजेंसी के माध्यम से अरेस्ट हो गया है, उसे पेनल्टी या जुर्माना देना होगा। डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा शब्द है जो कानून में नहीं है। लेकिन, अपराधियों के इस तरह के बढ़ते अपराध की वजह से इसका उद्भव हुआ है। पिछले तीन महीने में दिल्ली-एनसीआर में 600 मामले ऐसे आए हैं, जिनमें 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इसके अलावा कई सारे अन रिपोर्टेड मामले होते हैं। कई ऐसे मामले भी आते हैं जिसमें ठगी करने की कोशिश करने वाले सफल नहीं हो पाते हैं। डिजिटल अरेस्ट के संगठित गिरोह का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है, जिसकी वजह से डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
डिजिटल अरेस्ट में अधिकतर साइबर अपराधी खुद को पुलिस का बड़ा अफसर बन वीडियो कॉल करते हैं। इस दौरान वीडियो में वह अफसर भी मौजूद होता है। बातचीत जब शुरू होती है, तो साइबर अपराधी सामने वाले को बताते हैं कि आपका नाम नशीले पदार्थ की तस्करी में आया है, या फिर उसके नाम से वारंट निकला है। जब सामने वाला इन बातों से भयभीत होता है, तो वह उसे भरोसा दिलाता है कि उसे जेल जाने से बचा लिया जाएगा। लेकिन, इसके बदले में इतने पैसे लगेंगे। चूंकि, सामने नकली बड़ा पुलिस अधिकारी होता है, तो लोग इस धोखाधड़ी में फंसते चले जाते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में बीते दिनों ऐसा ही एक वीडियो कॉल एक परिवार को आया। इसमें पुलिस का एक बड़ा अधिकारी सामने था। वह उन्हें बता रहा था कि आपके नाम का वारंट निकला है और अगर वह जेल नहीं जाना चाहते हैं, तो मैं जैसा कह रहा हूं वैसा करें। हालांकि, महिला ने जागरूकता दिखाते हुए इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसके बाद पुलिस की जांच में पता चला कि वह साइबर अपराधियों के द्वारा डिजिटल अरेस्ट की एक कॉल थी। पुलिस ने लोगों को इस घटना से सीख लेते हुए सतर्क रहने के लिए भी कहा।
डिजिटल अरेस्ट के कई तरीके हैं। कुछ आम तरीके हैं:
- कूरियर धोखाधड़ी: ठग आपको फोन करके बताते हैं कि आपके पास एक पार्सल आया है जिसमें अवैध सामान है। वे आपको डराते हैं कि आप गिरफ्तार हो जाएंगे और आपसे पैसे मांगते हैं।
- बैंक खाता धोखाधड़ी: ठग आपको बताते हैं कि आपके बैंक खाते से कुछ गलत लेनदेन हुए हैं और आपको अपनी पहचान साबित करने के लिए पैसे जमा करने होंगे।
- लोन धोखाधड़ी: ठग आपको बताते हैं कि आपका लोन डिफ़ॉल्ट हो गया है और आपको जेल जाना होगा। वे आपसे लोन चुकाने के लिए पैसे मांगते हैं।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं:
- अज्ञात नंबरों से कॉल न उठाएं।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
- दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें।
- अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।
- नियमित रूप से अपने पासवर्ड बदलें।
कानूनी कार्रवाई
डिजिटल अरेस्ट एक गंभीर अपराध है। यदि आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए हैं तो आप पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं