e-Kisan Upaj Nidhi Yojana: केंद्र सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि को फायदे का सौदा बनाने के लिए लगातार नई योजनाएं शुरू कर रही है। पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसी स्कीमें किसानों को आर्थिक सुरक्षा देती हैं। अब इसी दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने किसानों को बिना किसी गारंटी के लोन देने की नई योजना शुरू की है – ई-किसान उपज निधि (e-Kisan Upaj Nidhi)।
इस योजना को केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने एक साल पहले लॉन्च किया था। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को फसल बेचने की जल्दबाजी से राहत मिले, उन्हें बेहतर भंडारण सुविधा मिले और उपज का सही मूल्य प्राप्त हो।
e-Kisan Upaj Nidhi: खेती को फायदे का सौदा बनाएगी यह योजना
ई-किसान उपज निधि के तहत किसान अपनी उपज को वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) से पंजीकृत गोदामों में जमा कर सकते हैं। इन गोदामों में रखी उपज के आधार पर किसान बिना किसी गारंटी या गिरवी रखे बैंक से लोन ले सकेंगे।
सरकार ने इस पर ब्याज दर 7 प्रतिशत तय की है, ताकि किसानों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
वर्तमान में देशभर में करीब 5,500 WDRA-पंजीकृत गोदाम हैं, जबकि खेती से जुड़े निजी और सहकारी गोदामों की संख्या एक लाख से अधिक है। मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि गोदाम मालिकों से ली जाने वाली सुरक्षा राशि को भी स्टॉक वैल्यू के 3% से घटाकर 1% कर दिया गया है, ताकि किसानों और भंडारण मालिकों को राहत मिल सके।
e-Kisan Upaj Nidhi Yojana: किसान चुन सकेंगे लोन की रकम और ब्याज दर
इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े बैंकों की सूची में कई प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय बैंक शामिल हैं। किसान अपनी जरूरत के अनुसार कर्ज की राशि और ब्याज दर का विकल्प स्वयं चुन सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म e-Kisan Upaj Nidhi Gateway के जरिए होगी, जो जन समर्थ पोर्टल (Jan Samarth Portal) पर उपलब्ध है।
इस गेटवे को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (WDRA), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) और वित्तीय सेवाएं विभाग के सहयोग से विकसित किया गया है।
भंडारण की दिक्कत और मजबूरी खत्म
अक्सर किसान अपनी उपज को तुरंत बेच देते हैं क्योंकि उनके पास भंडारण की व्यवस्था नहीं होती या नई फसल की बुआई के लिए पैसों की जरूरत होती है। इस वजह से उन्हें कई बार औने-पौने दाम पर उपज बेचनी पड़ती है।
ई-किसान उपज निधि इस समस्या का समाधान देती है। किसान अब अपनी उपज को पंजीकृत गोदाम में रखकर उसके बदले बैंक से e-NWR (Electronic Negotiable Warehouse Receipt) के आधार पर ऋण ले सकते हैं।
इससे उन्हें तत्काल नकदी मिल जाएगी और वे अपनी फसल तब बेच पाएंगे जब बाजार में उचित या अधिकतम समर्थन मूल्य (MSP) मिले।
MSP और e-NAM से होगा डिजिटल जुड़ाव
सरकार का कहना है कि ई-किसान उपज निधि को e-NAM (ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) से जोड़ा जाएगा, ताकि किसान एक इंटरकनेक्टेड डिजिटल सिस्टम के जरिए अपनी उपज को MSP या उससे अधिक मूल्य पर बेच सकें।
पिछले एक दशक में MSP के जरिए सरकारी खरीद लगभग 2.5 गुना बढ़ी है, और यह योजना इस प्रक्रिया को और मजबूत करेगी।

किसानों के लिए आसान और पारदर्शी प्रणाली
किसान सबसे पहले जन समर्थ पोर्टल (www.jansamarth.in) पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। पोर्टल पर दी गई जानकारी के आधार पर e-NWR और आधार का ऑटोमेटिक सत्यापन होता है। इसके बाद सिस्टम किसानों को बैंकों के अलग-अलग ऋण विकल्प दिखाता है।
किसान अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं, जिसके बाद संबंधित बैंक दस्तावेज तैयार कर ऋण राशि जारी करता है।
इस प्रक्रिया से किसानों को न तो बैंक के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही बिचौलियों पर निर्भर रहना होगा। ऋण की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन और पारदर्शी होगी।
संक्षेप में, ई-किसान उपज निधि योजना किसानों के लिए एक डिजिटल सुरक्षा कवच की तरह है। इससे उन्हें भंडारण, ऋण और बिक्री — तीनों मोर्चों पर राहत मिलेगी। यह योजना कृषि को आत्मनिर्भर और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) – ई-किसान उपज निधि योजना
1. ई-किसान उपज निधि योजना क्या है?
यह केंद्र सरकार की एक नई डिजिटल योजना है, जिसके तहत किसान अपनी उपज को WDRA-पंजीकृत गोदामों में रखकर बिना गारंटी बैंक से लोन ले सकते हैं। इसका उद्देश्य किसानों को फसल बेचने की जल्दबाजी से बचाना और सही दाम मिलने तक आर्थिक मदद देना है।
2. इस योजना को कौन चला रहा है?
यह योजना खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भंडारण विकास और विनियामक प्राधिकरण (WDRA), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) और वित्तीय सेवाएं विभाग (DFS) के सहयोग से लागू की जा रही है।
3. किसान को लोन कैसे मिलेगा?
किसान अपनी फसल WDRA से मान्यता प्राप्त गोदाम में रखेंगे। इसके बदले उन्हें एक e-NWR (Electronic Negotiable Warehouse Receipt) मिलेगा। इस डिजिटल रसीद के आधार पर किसान जन समर्थ पोर्टल (www.jansamarth.in) के माध्यम से बैंक से लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
4. इस योजना में ब्याज दर कितनी है?
किसानों को इस योजना के तहत 7 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिलेगा। यह दर सामान्य बैंक लोन की तुलना में काफी रियायती है।
5. क्या किसी गारंटी की जरूरत होगी?
नहीं, किसानों को कोई गारंटी या संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है। गोदाम में रखी गई उपज ही ऋण की सुरक्षा के रूप में मानी जाएगी।
6. क्या छोटे और सीमांत किसान भी इसका लाभ उठा सकते हैं?
हाँ, यह योजना सभी किसानों के लिए है। छोटे और सीमांत किसान भी इसका पूरा लाभ ले सकते हैं।
7. e-NWR क्या होता है?
e-NWR (Electronic Negotiable Warehouse Receipt) एक डिजिटल दस्तावेज है जो इस बात का सबूत होता है कि किसान ने अपनी उपज WDRA से पंजीकृत गोदाम में जमा की है। यह बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए कानूनी रूप से मान्य होता है।
8. ई-किसान उपज निधि से MSP का फायदा कैसे मिलेगा?
यह योजना e-NAM प्लेटफॉर्म से जुड़ी हुई है, जिससे किसान अपनी फसल को MSP या उससे अधिक दाम पर ऑनलाइन बेच सकते हैं। सरकार के मुताबिक, पिछले दशक में MSP पर खरीद 2.5 गुना बढ़ी है।
9. आवेदन कैसे करें?
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सबसे पहले www.jansamarth.in पर जाएं।
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“e-Kisan Upaj Nidhi” योजना चुनें।
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मांगी गई जानकारी जैसे नाम, आधार नंबर, e-NWR नंबर और बैंक विवरण भरें।
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आवेदन सबमिट करने के बाद सिस्टम स्वतः सत्यापन करेगा।
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बैंक द्वारा स्वीकृति मिलने पर राशि सीधे किसान के खाते में भेज दी जाएगी।
10. इस योजना से किसानों को क्या फायदा होगा?
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उपज को कम दाम पर बेचने की मजबूरी खत्म होगी।
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जरूरत पड़ने पर तुरंत लोन मिल सकेगा।
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फसल बेचने का सही समय और दाम चुनने की आजादी होगी।
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पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी होगी।









