भाजपा ने गाजीपुर लोकसभा सीट (Ghazipur Lok Sabha Poll) से पारस नाथ राय को उम्मीदवार बनाकर सबको हैरान कर दिया है। पारस नाथ (Paras Nath Rai) मुख्यधारा के राजनीत में सक्रिय चेहरे नहीं रहे हैं। हां, वह मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) के करीबी जरूर हैं। और संघ से भी जुड़े रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि मनोज सिन्हा ने पारस नाथ के नाम को आगे बढ़ाकर अपने मुख्य प्रतिद्वंदी अफजाल अंसारी को ईदी है। सपा ने अफजाल को गाजीपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है।
क्या पारस नाथ अफजाल अंसारी को टक्कर दे पाएंगे?
मालूम हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल के सामने मनोज सिन्हा चुनावी मैदान में थे। तब सपा-बसपा के गठबंधन ने सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए थे और अफजाल के सिर जीत का सेहरा सजा था। इस बार भाजपा ने पारस नाथ को अफजाल के सामने खड़ा किया। क्या पारस नाथ अफजाल अंसारी को टक्कर दे पाएंगे? ऐसे सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि अफजाल राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं, वहीं पारस नाथ अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि चेहरा जरूर पारस नाथ का लेकिन चुनाव की पूरी रणनीति मनोज सिन्हा बना रहे हैं।
कौन हैं पारसनाथ राय जिन्हें भाजपा ने गाजीपुर से बनाया उम्मीदवार?, अफजाल से सीधा मुकाबाला
मनोज सिन्हा के साथ साये की तरह लगे रहते थे पारस नाथ
गौरतलब है कि मनोज सिन्हा से पारस नाथ का परिचय बीएचयू में पढ़ाई के दिनों हुई थी। मनोज सिन्हा जहां राजनीति में सक्रिय हो गए वहीं पारस नाथ शिक्षा के क्षेत्र में उतर गए। हालांकि पारस नाथ मनोज सिन्हा के साथ साये की तरह लगे रहे। मनोज सिन्हा जब भी गाजीपुर का लोकसभा चुनाव लड़ते थे तब-तब उनके चुनाव संचालन में पारसनाथ राय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। मनोज सिन्हा ने आज उसका इनाम भी दिया है।
कितने पढ़े-लिखे हैं पारस नाथ राय? Paras Nath Rai Education
2 जनवरी 1955 को जन्में पारसनाथ राय सिखड़ी ब्लाक मनिहारी के निवासी हैं। पारस नाथ संघ से लंबे समय तक जुड़े रहे। 1986 मे संघ के जिला कार्यवाहक की जिम्मेदारी संभाली। साथ ही विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह जौनपुर के सह विभाग सम्पर्क प्रमुख तथा क्रय विक्रय सहकारी समिति जंगीपुर के अध्यक्ष हैं। वहीं पारसनाथ के बेटे आशुतोष राय भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। पारस नाथ की शिक्षा की बात करें तो वह एम ए/ परास्नातक है।