Ghazipur News: ‘गांजा’ से जुड़े बयान को लेकर सपा सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ दर्ज हुई FIR

Ghazipur News: गाजीपुर के सपा सांसद अफजाल अंसारी (AFZAL ANSARI) के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई है। उन्होंने तीन दिन पहले मठ, मंदिर और महाकुंभ के संदर्भ में एक विवादास्पद बयान दिया था। अंसारी ने कहा कि मठों में साधु-संत खुलेआम गांजा पीते हैं और लखनऊ में भी यही हो रहा है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर महाकुंभ में एक मालगाड़ी गांजा भेजी जाए, तो वह आसानी से खत्म हो जाएगा।

किन धाराओं में हुआ FIR (Afzal Ansari fir)

गाजीपुर पुलिस ने उनके इस बयान पर स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज की है। एसपी डॉ. ईरज राजा ने पुष्टि की कि अंसारी द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। चौकी प्रभारी राजकुमार शुक्ला ने इस संबंध में तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। उनके खिलाफ IPC की धारा 353 (3) बीएनएस के तहत FIR दर्ज की गई है।

 अफजाल अंसारी ने कहा था-  मादक पदार्थ गांजा को वैध कर देना चाहिए. क्योंकि बड़ी संख्या में लोग गाजीपुर के मठों में, धार्मिक आयोजनों में पीते हैं. अफजाल यहीं नहीं रुके थे, उन्होंने कहा था कि अगर कुंभ में एक मालगाड़ी गांजा भेज दीजिए तो भी कम पड़ जाएगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि लखनऊ में भी बड़े-बड़े लोग गांजा पीते हैं, इसलिए भांग की तरह सरकार को इसका भी लाइसेंस देना चाहिए।

पुलिस एफआईआर में क्या कहा गया?

FIR में यह भी कहा गया है कि सांसद ने बयान दिया कि गांजा को वैध कर दिया जाना चाहिए, जबकि इसके खिलाफ इतनी बड़ी अवहेलना क्यों? लाखों लोग सार्वजनिक रूप से गांजा पीते हैं, और इसे भगवान का प्रसाद मानते हैं। शिकायतकर्ता ने प्रश्न उठाया कि अगर यह भगवान का प्रसाद है, तो इसे अवैध क्यों माना जा रहा है?

तहरीर में यह भी उल्लेख किया गया है कि अफजाल अंसारी के बयान से साधू समाज में आक्रोश पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बयान के वायरल वीडियो के कारण साधू समाज ने सोशल मीडिया पर अपना रोष व्यक्त किया है। सांसद का यह बयान धारा 353 (3) बीएनएस के तहत दंडनीय अपराध है।

अफजाल अंसारी ने गांजा से जुड़ा क्या बयान दिया था

अफजाल अंसारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “गांजा को वैध कर देना चाहिए। लाखों लोग इसे भगवान का प्रसाद मानकर पीते हैं। यदि यह भगवान की बूटी है, तो फिर इसे अवैध क्यों रखा गया है?” उन्होंने अपने योगी बाबा से आग्रह किया कि गांजे को कानून में मान्यता दिलाने के लिए कदम उठाएं।

इसके अलावा, उन्होंने तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसादम विवाद पर भी चर्चा की और कहा कि यह विवाद इसलिए उठाया गया है ताकि गुजरात की कंपनी को बालाजी के मंदिर के प्रसाद का ठेका मिल सके।

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