ज्ञानवापी मस्जिदः सुप्रीम कोर्ट का सर्वे पर रोक से इनकार, कही बड़ी बात

ज्ञानवापी मस्जिदः सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे पर रोक से इनकार कर दिया। मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आदेश देते हैं कि पूरी प्रक्रिया गैर-अक्रामक पद्धति से संपन्न की जाएगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि हम हाईकोर्ट के फैसले को दोहराते हैं। परिसर में कोई खुदाई नहीं होगी। एएसआई की रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट को भेजी जाएगी। उसके बाद जिला अदालत के निर्देशों का पालन किया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। ASI की टीम शुक्रवार सुबह 7 बजे ज्ञानवापी मस्जिद में दाखिल हुई। सर्वे के चलते परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। एएसाई टीम के 50 सदस्य सर्वे में लगे हैं। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर 2 आईपीएस, 4 एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 पुलिस इंस्पेक्टर के अलावा करीब 200 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के अंदर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के 16 लोग जाएंगे। हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि हिंदू पक्ष के सभी लोग वहां पहुंच गए हैं। हालांकि मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई भी उपस्थित नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे से अलग रहने का फैसला किया है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने इसकी पुष्टि करते हुए पीटीआई-भाषा को बताया कि मुस्लिम पक्ष के वकील इस सर्वे में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि मुसलमानों की तरफ से उच्चतम न्यायालय में इस सर्वे के निर्णय को पहले ही चुनौती दी जा चुकी है।

इससे पहले, वाराणसी की जिला अदालत के निर्णय के बाद एएसआई की टीम ने गत 24 जुलाई को भी ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू किया था लेकिन कुछ ही घंटों बाद मस्जिद से जुड़ी कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस सर्वे पर तत्काल रोक लगा दी थी और मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष रखने को कहा था। हाईकोर्ट ने तीन अगस्त को फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी और ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था। मुस्लिम पक्ष ने उच्च न्यायालय के निर्णय को बृहस्पतिवार को ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने में कितना समय लगेगा?

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि इस सर्वे में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। हिंदू पक्ष की ओर से पेश वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा, ”ASI ही बता सकता है कि सर्वे पूरा करने में कितने दिन लगेंगे। अयोध्या में राम मंदिर का सर्वे पूरा करने में 7-8 महीने लग गए।”

क्या है ज्ञानवापी का विवाद?

अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया था जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने शृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी।

महिलाओं की याचिका पर जिला अदालत ने मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश दिया था। मस्जिद परिसर का तीन दिनों तक सर्वे हुआ था। हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वो शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है जो हर मस्जिद में होता है। इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी। सेशन कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी परिसर को सील करने का आदेश दिया था।

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