गाजीपुर जिले की होनहार बेटी और भारतीय मूल की युवा शोधकर्ता डॉ. अपराजिता सिंह (पूजा) ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने उनके रिसर्च और इनोवेटिव योगदानों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी है। इसी क्रम में उनका नाम उस माइक्रोचिप पर अंकित किया जाएगा जिसे ऐतिहासिक आर्टेमिस-II मिशन अपने साथ लेकर चाँद की परिक्रमा करेगा।
नासा का सम्मान
नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम ऑफिस से डॉ. अपराजिता को भेजे गए पत्र में लिखा गया है— “आपका योगदान शोध, नवाचार और संकल्प की शक्ति का प्रमाण है। आपके कार्य का सम्मान करना न केवल आपके लिए गौरव की बात है बल्कि यह दुनिया भर के युवा शोधकर्ताओं और भावी नेताओं को प्रेरित करेगा।”
पत्रकार पिता की बेटी
डॉ. अपराजिता सिंह वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी सुजीत सिंह ‘प्रिंस’ (भड़ास4मीडिया) की सुपुत्री हैं। मेधावी अपराजिता बचपन से ही शिक्षा और शोध में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती रही हैं। परिवार और पिता का सतत प्रोत्साहन उनकी इस उपलब्धि के पीछे रहा है।
आर्टेमिस-II मिशन क्या है?
आर्टेमिस-II मिशन को 21वीं सदी का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान माना जा रहा है। इसमें स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट और ओरियन अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल होगा। यह मिशन चंद्रमा की परिक्रमा करेगा और भविष्य में इंसानों की स्थायी मौजूदगी की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
गाजीपुर और भारत का गौरव
डॉ. अपराजिता सिंह का नाम इस मिशन से जुड़ना सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि गाजीपुर जिले और भारत के लिए गर्व का विषय है। उनकी सफलता इस बात का सबूत है कि समर्पण और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
आज डॉ. अपराजिता सिंह का नाम और कार्य ग़ाज़ीपुर से लेकर पूरी दुनिया के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि ज्ञान और जुनून से अंतरिक्ष तक की राह आसान हो सकती है।