प्रयागराजः एक लंबे चले कानूनी युद्ध के बाद, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को सपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में मिली सजा रद्द कर दी। साथ ही यूपी की योगी सरकार और विधायक कृष्णानंद राय के बेटे की तरफ से की गई सजा बढ़ाने की अपील को खारिज कर दिया।
यह फैसला कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़े मामले में आया है, जिसमें अफजाल अंसारी पर आरोप लगाए गए थे। सोमवार न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने फैसले को रद्द कर दिया। जिसके बाद अफजाल की संसद सदस्यता बरकरार रहेगी। इस मामले में काफी लंबी सुनवाई चली। अदालत ने 4 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अदालत ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल को दोषी करार दिया था
भाजपा के विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़े गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल को दोषी पाया था। उन्हें 4 साल की सजा सुनाई थी। 4 साल की सजा होने की वजह से अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता निरस्त हो गई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने की वजह से अफजाल की सदस्यता बहाल हो गई थी। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। अब हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को राहत देते हुए सजा को निलंबित कर दिया है।
यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे ने सजा बढ़ाने की मांग की थी
अफजाल में चाल साल की सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं, यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे ने अफजाल की सजा बढ़ाने की अपील दाखिल की थी। इसके पहले अफजाल की अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित किया था। अफजाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, दयाशंकर मिश्रा और उपेंद्र उपाध्याय ने बहस करते हुए तर्क दिया था कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के कारण शुरू हुए गैंगस्टर की कार्रवाई अवैधानिक है, क्योंकि अफजाल अंसारी कृष्णानंद राय हत्याकांड से बरी हो चुके हैं।