Iran shut down Digikala: ईरान में हिजाब (Hijab) को लेकर सालों से मुद्दा गरमाया हुआ है। इस बीच देश ने अपने एक बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी (e-commerce company) ‘डिजिकला’ (Digikala) पर ताला जड़ दिया। डिजिकला को ईरान की ‘अमेजॉन’ कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान के अधिकारियों ने देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के एक दफ्तर को बंद कर दिया है और उसके खिलाफ न्यायिक कार्यवाही शुरू की है।
ईरान ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी को क्यों बंद किया?
मामला क्या है? आखिर ईरान ने सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी (e-commerce company) को क्यों बंद कर दिया। मामला दरअसल कंपनी के महिला कर्मचारियों के हिजाब न पहनने से जुड़ा है। कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारियों की तस्वीरें ऑनलाइन जारी की थीं जिनमें वे इस्लामी हिजाब नहीं पहने हुए थीं और इस मामले में कार्रवाई की गयी है।
ईरान में लागू है नया इस्लामिक ड्रेस कोड
बता दें कि यह कदम इस्लामिक ड्रेस कोड लागू ( iran islamic dress code) करने के लिए पिछले सप्ताह जारी नए अभियान का हिस्सा लगता है। डिजिकला को ईरान की ‘अमेजॉन’ कहा जाता था। ‘डिजिकला’ कंपनी ने एक कॉर्पोरेट कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें जारी कीं जिनमें अनेक महिला कर्मी हिजाब नहीं पहने थीं। इसे नियमों का उल्लंघन कहा गया।
अदालत में मामले दायर किये गये
ईरान के हमशहरी अखबार की वेबसाइट ने रविवार देर रात खबर प्रकाशित की कि डिजिकला का एक दफ्तर बंद कर दिया गया है। ईरान की न्यायपालिका की वेबसाइट के अनुसार तस्वीरों के सिलसिले में अदालत में मामले दायर किये गये हैं।
ईरान ने ड्रेस कोड को लेकर शुरू किया था नया अभियान
पिछले हफ्ते ईरान के अधिकारियों ने महिलाओं को इस्लामी पोशाक पहनने के लिए मजबूर करने वाले एक नये अभियान की घोषणा की थी। इसके साथ ही, हिरासत में एक महिला की मौत के 10 महीने बाद लोकाचार पुलिस (नैतिकता पुलिस) फिर से सड़कों पर लौट आई। पिछले साल सितंबर में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद लोकाचार पुलिस को वापस बुला लिया गया था क्योंकि अधिकारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। लोकाचार पुलिस ईरान की सड़कों पर केवल महिलाओं और पुरुषों के ड्रेस को लेकर गश्त लगाती है। अगर कोई भी ड्रेस कोड के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे पहले चेतावनी और फिर उन लोगों को न्यायिक प्रणाली से परिचित कराया जाता है जो इन नियमों का उल्लंघन करते है।
इस साल की शुरुआत में पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद विरोध प्रदर्शन लगभग खत्म हो गये। इस दौरान 500 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गये और लगभग 20,000 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। अधिकारियों ने प्रदर्शनों के दौरान इस बात पर जोर दिया कि पोशाक के नियम में बदलाव नहीं किया गया है। ईरान के शासक हिजाब को इस्लामी क्रांति के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में देखते हैं, जिससे उन्हें सत्ता मिली। रविवार को, पुलिस प्रवक्ता जनरल सईद मोंटाज़ेरोलमहदी ने कहा कि लोकाचार पुलिस सार्वजनिक रूप से हिजाब नहीं पहनने वाली महिलाओं को अवगत कराएगी और फिर हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू करेगी। तेहरान में, लोकाचार पुलिस के सदस्यों को सड़कों पर गश्त करते हुए देखा जा सकता है।