जौनपुर बना राजस्व मामलों के निपटारे में प्रदेश का नंबर वन जिला, गाजीपुर की स्थिति क्या है?

गाजीपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त निगरानी और न्यायिक सुधारों की नीति का सीधा असर अब प्रदेश भर में साफ दिखाई देने लगा है। राजस्व मामलों के त्वरित निपटारे को लेकर सीएम योगी लगातार जिलावार समीक्षा कर रहे हैं, और अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आमजन से जुड़ी इन समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाया जाए। इस पहल का असर राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (RCCMS) की ताजा रिपोर्ट में देखा जा सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, मई माह में प्रदेश भर में कुल 3,20,719 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया, जिनमें राजधानी लखनऊ सबसे आगे रही, जहां कुल 15,137 मामलों का निपटारा हुआ। हालांकि जनपदीय स्तर पर देखें तो जौनपुर ने एक बार फिर बाजी मारी है। यहां की पांच राजस्व न्यायालयों ने तय मानक से कहीं अधिक, कुल 563 मामलों का निस्तारण किया है, जबकि बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य 250 मामलों का था। इस तरह जौनपुर ने 225.20 प्रतिशत प्रदर्शन के साथ प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

जौनपुर के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जिले में राजस्व विवादों के त्वरित निपटारे को लेकर एक व्यवस्थित रणनीति बनाई गई है, जिसमें न्यायालयीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर लंबित मामलों को तेजी से सुलझाया जा रहा है।

जनपदीय न्यायालयों की इस प्रतिस्पर्धा में सुल्तानपुर ने भी 549 मामलों का निस्तारण कर दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि गाजीपुर 262 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालयों के प्रदर्शन की बात करें तो अयोध्या सबसे आगे रहा, जहां तय मानक 30 के मुकाबले 69 मामलों का निपटारा किया गया। यह 230 प्रतिशत की उपलब्धि है। जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय ने 66 और मऊ के न्यायालय ने 65 मामलों का निपटारा कर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर जगह बनाई।

राजस्व विभाग के विभिन्न स्तरों पर भी जौनपुर का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) जौनपुर ने तय मानक 50 के मुकाबले 208 मामलों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया। इस श्रेणी में गाजीपुर (61 मामले) और मिर्जापुर (24 मामले) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

वित्त और राजस्व से जुड़े मामलों में भी जौनपुर के अपर जिलाधिकारी ने 50 के मानक के मुकाबले 146 मामलों का निस्तारण कर 292 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त की। बाराबंकी 138 मामलों के साथ दूसरे और सीतापुर 114 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

हालांकि, कुछ उप जिलाधिकारी न्यायालयों का प्रदर्शन औसत रहा। जौनपुर के अतिरिक्त उपजिलाधिकारी प्रथम ने तय मानक 60 के मुकाबले 80 और द्वितीय ने 63 मामलों का निस्तारण किया। दोनों ही न्यायालय राज्यस्तरीय सूची में 37वें स्थान पर रहे।

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी की सख्त निगरानी, डिजिटल सिस्टम के उपयोग और प्रशासनिक सक्रियता के चलते राजस्व मामलों के निस्तारण में सुधार हुआ है। जनता को न्याय देने की इस प्राथमिकता में जौनपुर जैसे जिले बाकी जनपदों के लिए उदाहरण बनते जा रहे हैं।

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मयंक शेखर

मैं मीडिया इंडस्ट्री से पिछले 7 सालों से जुड़ा हूं। नेशनल, स्पोर्ट्स और सिनेमा में गहरी रूचि। गाने सुनना, घूमना और किताबें पढ़ने का शौक है।

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