Kannappa Review: प्रभास-अक्षय-मोहनलाल की झलक और विष्णु मांचू की भक्ति, ‘कनप्पा’ ने दिल छुआ, पर लॉजिक…

Kannappa Review in Hindi: नमस्कार  दोस्तों, क्या हाल चाल? स्वागत है आपका खबर काशी के मूवी रिव्यूज में! आज हम हाजिर हैं एक और नई फिल्म की समीक्षा करने के लिए, और आज की हमारी पेशकश है  तेलुगु फिल्म  – ‘कन्नप्पा(Kannappa ka Review) जो कि आज ही सिनेमाघरों में लगी है। 

जब इसका ट्रेलर आया था, तो सोशल मीडिया पर ‘हर हर महादेव’ और ‘जय श्री राम’ के नारे खूब गूंजे थे। लोगों को विष्णु मांचू का भक्तिमय अवतार और फिल्म के भव्य सेट्स देखकर काफी उम्मीदें थीं। कुछ तो इसे ‘बाहुबली’ का भक्ति वर्जन तक कह रहे थे। तो क्या यह फिल्म दर्शकों  उम्मीदों पर खरी उतरी? चलिए, बिना किसी देरी के शुरू करते हैं तेलुगु फिल्म ‘कन्नप्पा‘ का हिंदी में धांसू रिव्यू। 

🎬 Kannappa Review (फिल्म की कहानी)

‘कन्नप्पा’ फिल्म भगवान शिव के एक भक्त की कहानी है। यह विष्णु मांचू द्वारा अभिनीत कन्नप्पा नाम के एक नास्तिक शिकारी के जीवन पर आधारित है, जो बाद में भगवान शिव का परम भक्त बन जाता है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक साधारण शिकारी, जो अपनी आदतों के लिए जाना जाता है, परिस्थितियों के चलते भगवान शिव की भक्ति में लीन हो जाता है और अपनी भक्ति के लिए अनोखे काम करता है। फिल्म में आपको भक्ति, ड्रामा और एक्शन का मिश्रण देखने को मिलेगा, जो आपको बांधे रखने की कोशिश करता है। कहानी में कन्नप्पा का भगवान शिव से जुड़ाव और उसकी अटूट श्रद्धा को दर्शाया गया है।

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🎭 Kannappa Review Hindi (किरदारों की बात)  

विष्णु मांचू ने कन्नप्पा के किरदार में काफी मेहनत की है। उनके बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी में भक्ति और दृढ़ संकल्प साफ झलकता है। उन्होंने एक नास्तिक से आस्तिक बनने की जर्नी को अच्छे से पर्दे पर उतारा है। फिल्म में प्रभास, अक्षय कुमार और मोहनलाल जैसे बड़े स्टार्स का कैमियो भी है, जो फिल्म को और भी ज़्यादा खास बनाता है। हालांकि, उनका स्क्रीन टाइम थोड़ा कम है, लेकिन जितनी देर वो पर्दे पर रहते हैं, अपनी छाप ज़रूर छोड़ जाते हैं। नुपुर सैनन भी फिल्म में हैं, और उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। बाकी जो सपोर्टिंग कास्ट है, उन्होंने भी कहानी को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया है। फिल्म में कुछ सीन्स ऐसे हैं जहाँ विष्णु मांचू थोड़ा ज़्यादा इमोशनल नज़र आते हैं, मतलब भक्ति में इतने लीन हो जाते हैं कि उनके एक्सप्रेशन थोड़े ओवर-द-टॉप लगते हैं। लॉजिक की बात करें तो एक सीन में कन्नप्पा तीर चलाते हैं और वो सीधा भगवान शिव की मूर्ति पर जाकर लगता है, अब ये लॉजिक तो सिर्फ भक्ति वाले ही समझ सकते हैं। गाने फिल्म में ठीक-ठाक हैं, लेकिन कुछ गाने ऐसे लगते हैं जैसे उन्हें कहानी में ज़बरदस्ती ठूंस दिया गया हो।

डायरेक्टर, हीरो, हीरोइन की लास्ट रिलीज

‘कन्नप्पा’ को मुकेश कुमार सिंह ने डायरेक्ट किया है। विष्णु मांचू की पिछली फिल्म ‘जिन्ना’ (2022) थी, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी। इसलिए इस फिल्म से उन्हें काफी उम्मीदें होंगी। वहीं, नुपुर सैनन की पिछली रिलीज़ तेलुगु फिल्म ‘टाइगर नागेश्वर राव’ (2023) थी। इस फिल्म में सभी कलाकारों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है।

🎥डायरेक्शन, सिनेमैटोग्राफी, म्यूज़िक और एडिटिंग

डायरेक्टर मुकेश कुमार सिंह ने एक पौराणिक कहानी को पर्दे पर उतारने की अच्छी कोशिश की है। फिल्म के सेट्स भव्य हैं और सिनेमैटोग्राफी भी काफी अच्छी है, खासकर भगवान शिव से जुड़े सीन्स को बहुत ही शानदार तरीके से फिल्माया गया है। फिल्म का म्यूज़िक मणि शर्मा ने दिया है, और भक्तिमय गाने कहानी के मूड को बनाए रखते हैं। हालांकि, कुछ गाने थोड़े लाउड लगते हैं। एडिटिंग थोड़ी और क्रिस्प हो सकती थी, फिल्म कहीं-कहीं थोड़ी स्लो लगती है, खासकर पहले हाफ में।

क्या है Kannappa का संदेश

फिल्म ‘कन्नप्पा’ भक्ति और अटूट श्रद्धा का संदेश देती है। यह दिखाती है कि भगवान तक पहुंचने के लिए किसी खास रीत-रिवाज या परंपरा की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि सच्ची भक्ति और मन की पवित्रता ही मायने रखती है। लॉजिक की बात करें तो फिल्म एक पौराणिक कथा पर आधारित है, इसलिए इसमें कुछ ऐसी चीजें दिखाई गई हैं जो शायद तर्क की कसौटी पर खरी न उतरें, लेकिन भक्ति और आस्था के नज़रिए से इन्हें स्वीकार किया जा सकता है।

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Kannappa Hindi क्यों देखें क्यों न देखें : 

तो ‘कन्नप्पा’ देखनी चाहिए या नहीं? अगर आप विष्णु मांचू के फैन हैं और आपको भक्ति और पौराणिक कथाओं पर बनी फिल्में पसंद हैं, तो आप यह फिल्म एक बार ज़रूर देख सकते हैं। खासकर अगर आप प्रभास, अक्षय कुमार और मोहनलाल को एक साथ पर्दे पर देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है। लेकिन अगर आप लॉजिक और एकदम परफेक्शन वाली फिल्में पसंद करते हैं, तो आप थोड़ा रुक सकते हैं और देख सकते हैं कि इसे ओटीटी पर कैसा रिस्पॉन्स मिलता है। बाकी आपकी मर्ज़ी, चाहें तो टिकट बुक कराएं या फिर घर पर बैठकर कुछ और देखें!

⭐ रेटिंग : 

मैं इस फिल्म को दूंगा 3  स्टार।

एक स्टार विष्णु मांचू की मेहनत और भक्तिमय अभिनय के लिए, 

एक स्टार फिल्म के भव्य सेट्स और सिनेमैटोग्राफी के लिए, 

 एक स्टार प्रभास, अक्षय कुमार और मोहनलाल के कैमियो के लिए। 

बाकी के दो स्टार कहानी की थोड़ी स्लो पेस और कुछ लॉजिकल कमियों के लिए काटे गए हैं।

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संजय कुमार

मैं खबर काशी डॉटकॉम के लिए बतौर एक राइटर जुड़ा हूं। सिनेमा देखने को शौक है तो यहां उसी की बात करूंगा। सिनेमा के हर पहलू—कहानी, अभिनय, निर्देशन, संगीत और सिनेमैटोग्राफी—पर बारीकी से नजर रहती है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं दर्शकों को ईमानदार, साफ-सुथरी और समझदारी भरी समीक्षा दूँ, जिससे वो तय कर सकें कि कोई फिल्म देखनी है या नहीं। फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, समाज का आईना भी होती हैं—और मैं उसी आईने को आपके सामने साफ-साफ रखता हूँ।"

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