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काशी: सोमवती अमावस्या पर श्रद्धा और आस्था का महापर्व, गंगा घाटों पर उमड़ा जनसैलाब

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काशीः धर्म और आस्था की नगरी काशी में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। आज के पावन दिन श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य कर रहे हैं। यह अमावस्या तब आती है जब अमावस्या का संयोग सोमवार के दिन हो, इसलिए इसे “सोमवती अमावस्या” कहा जाता है।

गंगा घाटों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु स्नान, ध्यान, और पूजा-अर्चना में लीन हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया है, जहां भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

पितरों को तर्पण और मोक्ष प्राप्ति का दिन

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, दान, और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। पंडित राजू झा ने आईएएनएस को बताया, “आज पौष मास की सोमवती अमावस्या है। गंगा स्नान और दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। यह हमारे वंश की समृद्धि और जीवन में सुख-शांति लाने का दिन है।”

पंडित मनीष उपाध्याय ने बताया, “यह दिन भगवान शिव और मां काली की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। गंगा में स्नान करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं। काशी, जो शिव जी के त्रिशूल पर बसी नगरी है, में आज का स्नान मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है।”

सौभाग्य और अखंड समृद्धि का प्रतीक

सोमवती अमावस्या को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। पंडित रामप्रकाश पांडे के अनुसार, “इस दिन स्नान और पूजा करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। जो लोग आज गंगा स्नान करते हैं, उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह पुण्य का दुर्लभ अवसर है, जो हर किसी को प्राप्त नहीं होता।”

श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

काशी के गंगा घाटों पर आज भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। देश-विदेश से आए श्रद्धालु गंगा स्नान कर अपनी श्रद्धा प्रकट कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने वालों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।

पंडितों ने बताया कि आज के दिन किए गए दान और धर्म कार्य से विशेष फल की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु अपनी क्षमता अनुसार दान, पूजा, और अनुष्ठान करा रहे हैं।

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