Kashi Vishwanath Mandir: मंदिरों, घाटों और मोक्ष की खोज का प्रसिद्ध शहर बनारस (banaras) यानी वाराणसी (varanasi) में विराजे बाबा विश्वनाथ (baba vishwanath) के दर पर इस सावन चढ़ावे का रिकॉर्ड टूट गया। सावन 2023 में बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के चढ़ावे में 400% (kashi vishwanath donation) की बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 1 करोड़ 63 लाख से ज्यादा शिव भक्त बाबा के दर पर पहुंचे और उनके चरणों में 16 करोड़ 89 लाख रुपए दान कर दिए। गौरतलब बात है कि पिछले साल सावन में 3,40,71,065 करोड़ रुपए दान में आए थे। ऐसे में भक्तों और चढ़ावा दाेनों रिकॉर्ड बन गया। हालांकि इस बार अधिमास की वजह से सावन दो माह का था।
सावन के आठ सोमवार मंे 49.66 लाख लोग मंदिर पहुंचे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा तट तक विस्तारित नव्य भव्य स्वरूप का 13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था। बनारस धार्मिक पर्यटन के लिहाज से देश में सर्वाधिक पंसदीदा स्थल के रूप में उभर कर सामने आया है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सुनील कुमार वर्मा ने मंदिर में ड्रिंकिंग वाटर, शैडो की व्यवस्था, मैट, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया था। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा दर्शनार्थियों और पर्यटकों की बेहतर व्यवस्था करने के लिए सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं।
पहले की तुलना में बनारस में 10 गुना अधिक पर्यटक आते हैं
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी से पहले की तुलना में शहर में 10 गुना अधिक पर्यटक आते हैं। 2019 में शहर में पर्यटकों की कुल संख्या लगभग 68 लाख थी जबकि चार साल बाद 2022 में लगभग 7.2 करोड़ पर्यटक वाराणसी पहुंचे। इसका मतलब यह है कि 2022 में सिर्फ अकेले एक महीने में 2019 के सभी आकंड़े ध्वस्त हो गए, हालांकि 2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान यह संख्या 10 लाख से भी कम थी।
बनारस बना यूपी का सबसे अधिक पर्यटकों वाला शहर
सरकार का यह आंकड़ा दर्शाता है कि 12 लाख से अधिक लोगों (पिछली जनगणना के अनुसार) वाला शहर वाराणसी, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक पर्यटकों वाला शहर बन गया है, जिसने मथुरा को भी पीछे छोड़ दिया। वर्ष 2022 में मथुरा में 6.5 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे, जिसके बाद आगरा का ताजमहल, सूची में अपना स्थान कायम किए हुए है। हालांकि आगरा में अब भी सबसे अधिक संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। अधिकांश लोग शहर में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि के पीछे काशी विश्वनाथ धाम गलियारे के पुनर्विकास को अहम कारण बताते हैं, जिसमें गंगा क्रूज, प्रसिद्ध आरती और बरसों पुरानी बुनाई की कला ने पर्यटकों को अपनी ओर खींचा है और वाराणसी की परंपरा को बरकरार रखा हुआ है।