masan holi varanasi 2024 date: वाराणसी यानी बनारस अल्हड़ और मदमस्त शहर माना जाता है। इस शहर के कई नाम है- काशी, अविमुक्तका, महाश्मशान, आनन्द-कानन, सुरंधन, ब्रह्मावर्त, सुदर्शन, रम्य । वर्तमान में इस शहर का नाम- वाराणसी है लेकिन बनारस और यहां के लोगों को बनारसी ही कहना ही सर्वव्याप्त है। तो बनारस में जैसे हर चीज अनोखी होती है। ऐसे ही यहां की मसान होली भी विश्वविख्यात है।
masan holi 2024
मसान होली, जिसे काशी होली या चिता भस्म होली के नाम से भी जाना जाता है, भारत के वाराणसी में मनाया जाने वाला एक अनोखा और आकर्षक त्योहार है। यह रंगभरी एकादशी के अगले दिन होता है, जो आम तौर पर मुख्य होली त्योहार से पांच दिन पहले पड़ता है। ऐसे 2024 में मसान होली 21 मार्च (masan holi date 2024) को मनाई जाएगी।
varanasi masan holi 2024
वाराणसी में श्मशान घाट की होली
“मसान होली” जिसे “श्मशान घाट की होली” भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए कि क्योंकि यह मणिकर्णिका घाट पर मनाया जाता है, जो भारत के सबसे पुराने श्मशान घाटों में से एक है। यहां, भगवान शिव के भक्त भारत भर में होली समारोहों में उपयोग किए जाने वाले सामान्य रंगीन पाउडर के बजाय अपने शरीर पर चिता की राख लगाने के लिए इकट्ठा होते हैं। चिता भस्म से होली खेलते हैं।
masan holi in banaras
मसान होली/चिता भस्म होली मनाने के पीछे की मान्यता और विशेषताएंः
मसान होली क्यों खेला जाता है और इसके पीछे की धार्मिक मान्यता क्या हैं? इस ओर ध्यान देने पर यही जानकारी मिलती है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती से विवाह के बाद गौना कराकर उन्हें अपने धाम काशी लाए थे। इस मौके पर उन्होंने सभी देवी-देवताओं के साथ होली खेली थी। इस उत्सव में भूत-पिशाच शामिल नहीं हो पाए थे। अगले दिन भगवान शिव खुद ही उनके साथ होली खेलने के लिए मसान घाट (मणिकर्णिका घाट) पर पहुंच गए। मान्यता के अनुसार भगवान शिव यहां अपने प्रिय गण, भूत-प्रेत, पिशाच, निशाचरों के साथ जमकर होली खेले।
मसान होली खेलने के लिए 4000 से 5000 किलो लकड़ी जलाई जाती है
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार कहते हैं कि 16वीं शताब्दी में जयपुर के राजा मान सिंह ने गंगा नदी के किनारे मणिकर्णिका घाट पर महाश्मशान यानी मसान मंदिर का निर्माण कराया था। धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है और यहां हर रोज ही 100 लोगों का अंतिम संस्कार भी किया जाता है। मसान होली पर होली खेलने के लिए विशेष रूप से 4000 से 5000 किलो लकड़ी जलाई जाती है।
मसान होली खेलने की शुरुआत सुबह जल्दी शुरू हो जाती है। यहां भक्त सुबह मणिकर्णिका घाट के भीतर स्थित महा शमशान नाथ मंदिर में एक विशेष पूजा (पूजा समारोह) में भाग लेते हैं। पूजा के बाद, भक्त अपने पूरे शरीर पर चिता की राख लगाते हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह विशेष रूप से शुभ माना जाता है यदि वाराणसी के अधिष्ठाता देवता बाबा विश्वनाथ मसान होली के दिन मणिकर्णिका घाट पर गंगा नदी में स्नान करने जाते हैं। मसान होली एक अनोखा त्योहार है जो हिंदू धर्म की आध्यात्मिक परंपराओं की झलक पेश करता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो जीवन, मृत्यु और मुक्ति की अंतिम खोज का जश्न मनाता है।
इस साल होली 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी।
होलिका दहन:
- 24 मार्च 2024 को रात 10 बजकर 28 मिनट से 11 बजकर 56 मिनट तक
- भद्रा काल: 24 मार्च 2024 को शाम 7 बजकर 58 मिनट से 25 मार्च 2024 को सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक
होलिका दहन मुहूर्त:
- भद्रा मुक्त मुहूर्त: 24 मार्च 2024 को रात 9 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 28 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त: 24 मार्च 2024 को सुबह 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक