Metro in Dino Review in Hindi: शहर की कहानी, दिल की जुबानी… पर थोड़ी अटकी-अटकी!

Metro in Dino Review in Hindi: गर्मी का मौसम है, एसी चल रहा है और ऐसे में अगर कोई मस्त मूवी का रिव्यू मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए! तो दोस्तों, आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं एक ऐसी फिल्म का रिव्यू, जिसके चर्चे पिछले कुछ समय से हर फ़िल्मी गली-मोहल्ले में हो रहे हैं – “Metro In Dino”! तैयार हो जाइए, क्योंकि आज मैं आपको बताऊंगा कि ये फिल्म आपके कीमती टाइम और पैसे के काबिल है या फिर इसे स्किप करके आप कोई और बढ़िया काम कर सकते हैं!

Metro in Dino की कहानी

Metro In Dino” सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि रिश्तों की एक उलझी हुई ताना-बाना है, जिसमें अलग-अलग लोग अपनी-अपनी मेट्रो में बैठे हैं, मंजिल की तलाश में. ये फिल्म आपको शहर की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में प्यार, अकेलापन, और उम्मीद की तलाश दिखाती है. यहां आपको मिलेंगे कुछ ऐसे किरदार, जो अपने रिश्तों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, कुछ नए रिश्तों की शुरुआत कर रहे हैं, और कुछ बस अपनी जगह बनाने की जद्दोजहद में हैं. ये एक ऐसी कहानी है जो आपको हंसाएगी, थोड़ा सोचने पर मजबूर करेगी और शायद अपने रिश्तों पर एक बार फिर नजर डालने को कहेगी. स्पॉइलर बिल्कुल नहीं दूंगा, बस इतना कहूंगा कि कहानी में ट्विस्ट और टर्न भरपूर हैं!

Metro in Dino एक्टिंग : किसने लूटी महफिल और किसका रहा डब्बा गुल ?

इस फिल्म में एक्टर्स की भरमार है, और हर किसी ने अपनी-अपनी तरफ से पूरा जोर लगाया है.

हीरो-हीरोइन: फिल्म के लीड पेयर, आदित्य रॉय कपूर और सारा अली खान, अपनी केमिस्ट्री से कहीं-कहीं चमकते हैं तो कहीं-कहीं थोड़े फीके पड़ जाते हैं. आदित्य अपनी ‘आशिकी 2’ वाली चार्म दिखाने की कोशिश करते हैं, और कुछ सीन्स में तो वो सफल भी होते हैं. वहीं सारा, अपनी पिछली फिल्मों से बेहतर परफॉर्म करती दिख रही हैं, पर अभी भी उन्हें इमोशनल सीन्स में और मेहनत करनी पड़ेगी. कई जगह तो ऐसा लगा कि सारा के डायलॉग्स डिलीवरी में वो दम नहीं, जो सामने वाले को इंप्रेस कर सके. अरे बाबा, थोड़ा इमोशन तो डालो!

साइड किरदार: अब बात करते हैं उन सितारों की, जिन्होंने फिल्म को संभाले रखा है. अनुपम खेर और नीना गुप्ता ने अपनी एक्सपीरियंस से भरी एक्टिंग से महफिल लूट ली है. उनकी केमिस्ट्री और उनके सीन आपको बांधे रखते हैं. खासकर अनुपम खेर का व्यंग्यात्मक अंदाज़, और नीना गुप्ता का सरल लेकिन गहरा किरदार आपको बहुत पसंद आएगा. वहीं फातिमा सना शेख और अली फजल ने भी अपना काम बखूबी किया है, लेकिन उनके पास ज्यादा स्कोप नहीं था अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाने का. ऐसा लगा कि उनके रोल सिर्फ कहानी को आगे बढ़ाने के लिए थे, न कि उनके एक्टिंग टैलेंट को दिखाने के लिए.

Metro in Dino के डायरेक्टर और स्टार्स की पिछली रिपोर्ट कार्ड

अगर बात करें अनुराग बसु की पिछली फिल्म की, तो ‘लूडो’ एक मजेदार और कॉम्प्लेक्स फिल्म थी, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया था. ‘Metro In Dino‘ में भी उनका वही मल्टी-स्टोरी टेलिंग का अंदाज दिख रहा है. वहीं, आदित्य रॉय कपूर की पिछली कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थीं. ‘गुमराह’ को तो शायद ही कोई याद रखना चाहेगा. सारा अली खान की ‘जरा हटके जरा बचके’ ठीक-ठाक चली थी, लेकिन उसके पहले ‘अतरंगी रे’ में उनके काम की काफी तारीफ हुई थी. तो इस बार इन दोनों पर काफी दारोमदार था कि वे अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत पाएं.

डायरेक्शन, सिनेमैटोग्राफी, म्यूजिक और एडिटिंग

 डायरेक्शन: अनुराग बसु ने जिस तरह से अलग-अलग कहानियों को एक साथ पिरोने की कोशिश की है, वो काबिले तारीफ है. लेकिन कहीं-कहीं कहानी थोड़ी धीमी पड़ जाती है और ऐसा लगता है कि क्या हो रहा है!

 सिनेमैटोग्राफी: फिल्म की सिनेमैटोग्राफी काफी अच्छी है, दिल्ली और मुंबई की भाग-दौड़ भरी जिंदगी को खूबसूरती से कैप्चर किया गया है. विजुअल्स आपको कहानी से जोड़े रखते हैं.

 म्यूज़िक: प्रीतम का म्यूज़िक हमेशा की तरह कमाल का है! गाने दिल को छू लेने वाले हैं और कहानी के साथ बिल्कुल फिट बैठते हैं. कुछ गाने तो रिलीज़ से पहले ही हिट हो चुके थे. ‘बसोरी’ और ‘फिर और क्या चाहिए’ तो जुबान पर चढ़ गए हैं. लेकिन कुछ गाने सिर्फ जबरदस्ती के लगते हैं, जो कहानी को आगे बढ़ाने की बजाय सिर्फ स्क्रीन टाइम बढ़ाते हैं.

 एडिटिंग: फिल्म की एडिटिंग थोड़ी और क्रिस्प हो सकती थी. कुछ सीन बिना मतलब के खींचे गए लगते हैं, जिससे फिल्म की पेस थोड़ी धीमी पड़ जाती है. अगर कुछ सीन्स को ट्रिम किया जाता तो फिल्म और भी दमदार बन सकती थी.

Metro in Dino Review in Hindi: लॉजिक फेल मोमेंट्स!

जब इस फिल्म का ट्रेलर आया था, तो सोशल मीडिया पर काफी मिक्स रिएक्शन थे. कुछ लोगों को इसकी कहानी और कास्टिंग पसंद आई थी, तो कुछ को लगा कि ये बस ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ का एक नया वर्जन है. मीम्स की तो भरमार हो गई थी, खासकर आदित्य और सारा की केमिस्ट्री को लेकर.

अब बात करते हैं कुछ लॉजिक फेल मोमेंट्स की. कई जगह ऐसा लगा कि बस कुछ भी हो रहा है. कुछ सीन तो इतने ओवर-द-टॉप थे कि हंसी छूट गई. खासकर कुछ इमोशनल सीन, जहां एक्टर्स ओवरएक्टिंग करते हुए दिखे, वहां लगा कि बस कर भाई, रुलाएगा क्या! और हां, कुछ गानों को तो जबरदस्ती ठूसा गया था, ऐसा लगा कि स्क्रिप्ट में जगह नहीं थी, तो चलो एक गाना डाल दो!

Metro in Dino Hindi Review: क्यों देखें , क्यों न देखें ?

अगर आपको मल्टी-स्टोरी वाली, हल्की-फुल्की रोमांटिक-ड्रामा फिल्में पसंद हैं, जिसमें शहर की भाग-दौड़ और रिश्तों की उलझनें हों, तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं. अनुपम खेर और नीना गुप्ता की एक्टिंग देखने लायक है. प्रीतम के गानों के लिए भी एक बार देखा जा सकता है।  

OTT का इंतजार करे: अगर आप तेज रफ्तार वाली कहानी, जबरदस्त ट्विस्ट और टर्न या कोई बहुत ही गहरी कहानी की उम्मीद कर रहे हैं, तो शायद ये फिल्म आपको निराश कर सकती है. कुछ जगह फिल्म धीमी पड़ती है और कुछ ओवरएक्टिंग वाले मोमेंट्स आपको इरिटेट कर सकते हैं. ऐसे में आप OTT पर आने का इंतजार कर सकते हैं और घर बैठे पॉपकॉर्न खाते हुए देख सकते हैं. या फिर आप कोई और अच्छी वेब सीरीज या कोई पुरानी क्लासिक फिल्म देखकर अपना टाइम बचा सकते हैं!

⭐ रेटिंग : 

मैं इस फिल्म को 5 में से 2.5 स्टार्स दूंगा. आधे स्टार अनुपम खेर और नीना गुप्ता की एक्टिंग के लिए, एक स्टार प्रीतम के म्यूज़िक के लिए और एक स्टार सिनेमैटोग्राफी के लिए. बाकी का आधा स्टार उन कोशिशों के लिए जो फिल्म को मजेदार बनाने के लिए की गई हैं, लेकिन पूरी तरह से सफल नहीं हो पाईं. 

Metro in Dino FQ&A

Qes  “Metro In Dino” का रिव्यू कैसा है?

Ana.. “Metro In Dino” को समीक्षकों से मिक्सड से लेकर अच्छे रिव्यू मिल रहे हैं. कई रिव्यू में फिल्म को “रिश्तों की एक दिल को छू लेने वाली कहानी” और “अनुराग बसु की बेहतरीन वापसी” बताया गया है. अनुपम खेर और नीना गुप्ता की एक्टिंग की जमकर तारीफ हो रही है, और प्रीतम के संगीत को भी सराहा जा रहा है. हालाँकि, कुछ रिव्यू में कहानी के धीमी गति और कुछ किरदारों के कमज़ोर डेवलपमेंट की बात भी कही गई है.

 Qes . क्या “Metro In Dino” बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई है?

  A “Metro In Dino” को लेकर बॉक्स ऑफिस पर अभी तक अंडरवेलमिंग (उम्मीद से कम) शुरुआत की खबरें आ रही हैं. हालाँकि, यह अनुराग बसु की पिछली फ़िल्म ‘लाइफ़ इन अ मेट्रो’ के पहले दिन की कमाई से कहीं ज़्यादा है, लेकिन बड़े बजट और स्टारकास्ट को देखते हुए, इसे और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी. फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर टिके रहने के लिए अच्छी वर्ड-ऑफ-माउथ की ज़रूरत होगी.

 Qes.. क्या “Metro In Dino” “Life In A Metro” का सीक्वल है?

   Ans.. नहीं, यह “Life In A Metro” का सीधा सीक्वल नहीं है, बल्कि अनुराग बसु की उसी थीम पर आधारित एक नई कहानी है. इसमें भी शहर में रिश्तों की जटिलताओं को अलग-अलग कहानियों के माध्यम से दिखाया गया है. 

 Qes.. “Metro In Dino” में कौन-कौन से गाने हैं और क्या वो हिट हुए हैं?

   Ans..  फिल्म का संगीत प्रीतम ने दिया है. “बसोरी” और “फिर और क्या चाहिए” जैसे कुछ गाने पहले ही लोकप्रिय हो चुके हैं. लेकिन, कुछ रिव्यूज़ के अनुसार, फिल्म में सभी गाने ‘लाइफ़ इन अ मेट्रो’ के संगीत की तरह आइकॉनिक नहीं बन पाए हैं.

 Qes.. क्या “Metro In Dino” में कोई सरप्राइज कैमियो है?

   Ans..  हाँ, कुछ रिव्यू में बताया गया है कि फिल्म में अनुराग बसु खुद एक छोटे से रोल में नज़र आते हैं. इसके अलावा, किसी और जाने-माने डायरेक्टर का भी कैमियो होने की बात कही जा रही है.

 

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संजय कुमार

मैं खबर काशी डॉटकॉम के लिए बतौर एक राइटर जुड़ा हूं। सिनेमा देखने का शौक है तो यहां उसी की बात करूंगा। सिनेमा के हर पहलू—कहानी, अभिनय, निर्देशन, संगीत और सिनेमैटोग्राफी—पर बारीकी से नजर रहती है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं दर्शकों को ईमानदार, साफ-सुथरी और समझदारी भरी समीक्षा दूँ, जिससे वो तय कर सकें कि कोई फिल्म देखनी है या नहीं। फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, समाज का आईना भी होती हैं—और मैं उसी आईने को आपके सामने साफ-साफ रखता हूँ।"

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