Site icon Khabar Kashi

Mirai Movie Review: तेजा सज्जा…पौराणिक सुपरहीरो ने फिर मचाया धमाल!

Mirai Movie Review

Mirai Movie Review: आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी फिल्म की जो भारतीय पौराणिक कथाओं और आधुनिक सुपरहीरो कॉन्सेप्ट का शानदार मेल पेश करती है – मिराय । तेजा सज्जा की “हनुमान” के बाद यह दूसरी पौराणिक सुपरहीरो फिल्म है, और हम आपको बता दें कि यह अपने पूर्ववर्ती से कहीं आगे निकल गई है! अगर आपको लगता है कि भारतीय सिनेमा में कुछ नया देखने को नहीं मिलता, तो “मिराई” आपकी सोच बदल देगी। चलिए, विस्तार से जानते हैं कि यह फिल्म क्यों खास है।

Mirai Movie की कहानी

मिराय” की कहानी सम्राट अशोक के समय से शुरू होती है। कलिंग युद्ध के बाद अशोक को युद्ध की विभीषिका का एहसास होता है और वे अपनी दैवीय शक्तियों को नौ पवित्र ग्रंथों में छिपा देते हैं। इन ग्रंथों की रक्षा के लिए नौ अलग-अलग समुदायों के योद्धाओं को नियुक्त किया जाता है । 

आज के समय में, एक दुष्ट विलेन महाबीर लामा (मनोज मांचू) इन सभी ग्रंथों को हासिल कर अमर होना चाहता है। वह आठ ग्रंथ हासिल करने में सफल हो जाता है, लेकिन नौवें ग्रंथ “अमरग्रंथ” तक पहुँचने में उसे वेदा (तेजा सज्जा) रोकता है। वेदा एक साधारण युवक है जिसे पता चलता है कि वह भगवान राम के दिव्य अस्त्र “मिराई” का वाहक है।

कहानी में ट्विस्ट : 

फिल्म में कई ऐसे मोड़ हैं जो दर्शकों को हैरान करते हैं। जैसे- जब पता चलता है कि वेदा की माँ अंबिका (श्रिया सरन) ने दुनिया को बचाने के लिए अपने ही बेटे का त्याग किया था । या फिर जब भगवान राम का धनुष “मिराई” आधुनिक युग में एक सुपरहीरो को मिल जाता है और वह उसका इस्तेमाल बुराई से लड़ने के लिए करता है ।

कहानी में नयापन : 

हालाँकि “अंडरडॉग सुपरहीरो” का कॉन्सेप्ट पहले भी देखने को मिल चुका है, लेकिन “मिराई” इसे एकदम नए अंदाज में पेश करती है। पौराणिक कहानियों को आधुनिक सिनेमाई शैली में पेश करने का तरीका वाकई सराहनीय है ।

अभिनय (Acting): सभी कलाकारों ने फिल्म में जान डाल दिया।  

तेजा सज्जा (वेदा के रूप में): तेजा सज्जा ने “हनुमान” की सफलता के बाद कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने वेदा के किरदार में जान डाल दी है। एक साधारण युवक से लेकर एक शक्तिशाली योद्धा बनने तक के सफर को उन्होंने बड़े ही विश्वसनीय अंदाज में पेश किया है । उनकी एक्शन सीन्स देखने लायक हैं, और उनके इमोशनल सीन्स दर्शकों का दिल छू जाते हैं।

मनोज मांचू (महाबीर लामा/ब्लैक स्वॉर्ड के रूप में): मनोज मांचू ने विलेन का किरदार इतने जबरदस्त तरीके से निभाया है कि कई जगह तो वे हीरो से ज्यादा यादगार लगते हैं। उनकी डार्क और मेंशस परफॉर्मेंस फिल्म को एक नई ऊँचाई देती है । उनकी डायलॉग डिलीवरी और स्क्रीन प्रेजेंस दर्शकों पर एक अमिट छाप छोड़ती है।

श्रिया सरन (अंबिका के रूप में): श्रिया सरन ने एक योगिनी और वेदा की माँ के रूप में शानदार अभिनय किया है। उनके इमोशनल सीन्स, खासकर जब वे अपने बेटे को त्यागती हैं, दर्शकों की आँखें नम कर देते हैं । हालाँकि उनकी स्क्रीन प्रेजेंस कम है, लेकिन उन्होंने अपने किरदार को यादगार बना दिया है।

सहायक कलाकार:  रितिका नायक (विभा) ने हीरोइन के रूप में एक ताज़गी भरा अहसास कराया है, हालाँकि उनके किरदार को और विकसित किया जा सकता था । जगपति बाबू (तंत्र रक्षक अंगमबली) और जयराम (अगस्त्य मुनि) ने भी अपने-अपने किरदारों को जीवंत बना दिया है। जयराम का आधुनिक अंदाज में अगस्त्य मुनि का चित्रण काफी यूनिक और दिलचस्प लगा ।

संगीत और तकनीकी पक्ष: Hollywood Level VFX और दमदार बैकग्राउंड स्कोर!

 

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर : गौरा हरि का संगीत फिल्म की जान है। उनका बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के मूड को पूरी तरह से बढ़ा देता है – एक्शन सीन्स में जोश भर देता है और इमोशनल सीन्स में दिल छू जाता है । “जैत्रय” गाना और उसकी प्लेसमेंट दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देती है। फिल्म में एक गाना “वाइब वुंडी बेबी” शामिल नहीं किया गया, जो एक अच्छा फैसला था क्योंकि यह फिल्म के फ्लो को डिस्टर्ब करता ।

विजुअल इफेक्ट्स (VFX): फिल्म का सबसे बड़ा हाईलाइट इसके शानदार VFX हैं। रामजी डॉट और मुथु सुब्बैया की टीम ने कम बजट में हॉलीवुड लेवल का काम किया है । हिमालय के दृश्य, विशालकाय ईगल का दिखाया जाना, और ट्रेन एक्शन सीन वाकई लाजवाब हैं। फिल्म की विजुअल स्प्लेंडर दर्शकों को एक अद्भुत अनुभव देती है।

सिनेमैटोग्राफी: कार्तिक गट्टामनेनी, जो खुद एक सिनेमैटोग्राफर हैं, ने फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी संभाली है। हर फ्रेम एक पेंटिंग की तरह सजाया गया है। पौराणिक भव्यता और आधुनिक एक्शन को परदे पर उतारने में उन्हें पूरी सफलता मिली है ।

एनिमेशन (Animation) ⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️ हर फ्रेम पेंटिंग जैसा, रंगों की बारीकी कमाल की
किरदार डिज़ाइन (Character Design) ⭐️⭐️⭐️⭐️ पात्रों के हाव-भाव बहुत वास्तविक और भावनात्मक
पहलू रेटिंग (5 में से) टिप्पणी
बैकग्राउंड स्कोर ⭐️⭐️⭐️⭐️½ सीन के मूड को निखारता है, ज़रूरत भर का संगीत
साउंड इफ़ेक्ट्स ⭐️⭐️⭐️½ हल्के पर असरदार, कुछ जगह और मज़बूत हो सकते थे
सिनेमैटोग्राफी/फ्रेमिंग ⭐️⭐️⭐️⭐️ कैमरा एंगल और मूवमेंट बच्चे की नज़र से दर्शाए गए

 

मिराई निर्देशन (Direction): कार्तिक गट्टामनेनी का विजन हैरान कर देने वाला!

 

कार्तिक गट्टामनेनी ने “मिराय” को केवल निर्देशित ही नहीं किया, बल्कि इसे लिखा और इसकी सिनेमैटोग्राफी भी की। उनका विजन फिल्म में साफ झलकता है। उन्होंने एक कॉम्प्लेक्स पौराणिक कथा को इतने सरल और रोचक ढंग से पेश किया है कि दर्शक शुरू से अंत तक बंधे रहते हैं ।

रफ्तार और संवाद : फिल्म की रफ्तार पहले हाफ में थोड़ी धीमी है, लेकिन इंटरवल के बाद यह पूरी तरह से पटरी पर आ जाती है। संवाद पौराणिक ज्ञान से भरे हुए हैं, लेकिन आधुनिक दर्शकों के लिए भी प्रासंगिक और शक्तिशाली हैं । 

जैसे – “देवुदिकी एदुरु वेल्ले वादिनी… नुव्वु एदुरुकोबोतुन्नव” (तू उसका सामना कर रहा है जो खुदा से लड़ने गया था) और “थोम्मिधो ग्रंथम कि नीकु मध्यलो ओका युद्धम निलाबादुतुन्दी” (इस ग्रंथ के कारण तुम्हारे और तुम्हारे दुश्मन के बीच एक युद्ध छिड़ने वाला है) ।

 निर्देशक ने फिल्म को पाँच अलग-अलग ब्लॉक्स में बाँटा है – प्री-इंटरवल सीक्वेंस, वेदा का ट्रांसफॉर्मेशन, विलेन की बैकस्टोरी, “जैत्रय” सॉन्ग के साथ मोंटाज सीक्वेंस, और लॉर्ड रामा को शामिल करते हुए क्लाइमेक्स। ये सभी ब्लॉक बेहद शानदार ढंग से एक-दूसरे से जुड़े हैं ।

“मिराय” एक पूर्ण पैकेज है जो दर्शकों को रोमांच, हँसी, भावुकता और आश्चर्य से भर देती है। फिल्म का पहला हाफ थोड़ा धीमा है, लेकिन दूसरा हाफ इतना तेज और रोमांचक है कि आप सीट पर बैठे-बैठे तालियाँ बजाने पर मजबूर हो जाएंगे । कॉमेडी सीन्स, खासकर डायरेक्टर्स वेंकटेश महा और किशोर तिरुमाला के किरदार, कुछ हद तक मनोरंजक हैं, हालाँकि कुछ को फोर्स्ड लग सकता है ।

फिल्म क्या मैसेज देती है ?

फिल्म सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करती, बल्कि कुछ गहरे संदेश भी देती है। यह फिल्म बड़े उद्देश्य के लिए त्याग की भावना सिखाती है, जैसे अंबिका ने दुनिया को बचाने के लिए अपने बेटे का त्याग किया । साथ ही, यह अच्छाई और बुराई की लड़ाई और धर्म की रक्षा के लिए खड़े होने का संदेश देती है। फिल्म के अंत तक आपकी जुबान पर “जय श्री राम” जरूर होगा ।

कमजोरियां (Weak Points): जहाँ फिल्म थोड़ी सुस्त पड़ जाती है!

हर फिल्म की तरह “मिराई” भी कुछ कमियों से अछूती नहीं है:

पहले हाफ की धीमी रफ्तार: फिल्म का पहला हाफ कहानी सेट करने और किरदारों को इंट्रोड्यूस करने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगा देता है। हीरो की इंट्रोडक्शन एक्शन सीक्वेंस, कॉमेडी सीन्स और रोमांटिक ट्रैक को थोड़ा ट्रिम किया जा सकता था ।

फोर्स्ड कॉमेडी: कुछ कॉमेडी सीन्स, खासकर पुलिस वाले किरदारों के, अनावश्यक और फोर्स्ड लगते हैं। ये फिल्म के फ्लो को डिस्टर्ब करते हैं ।

AI का अत्यधिक इस्तेमाल: फिल्म में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से कुछ दृश्य, खासकर पहले हाफ में, बहुत अधिक कृत्रिम लगते हैं ।

कुछ हद तक दोहराव: “अंडरडॉग सुपरहीरो” का कॉन्सेप्ट पहले भी कई फिल्मों में देखा जा चुका है, और “मिराई” का पहला हाफ कुछ हद तक तेजा सज्जा की पिछली फिल्म “हनुमान” की याद दिलाता है ।

क्यों देखें और क्यों न देखें? (Why Watch & Why Not Watch?)

 क्यों देखें? (Why Watch?)

  1. विजुअल स्पेक्टेकल: हैरान कर देने वाले VFX और सिनेमैटोग्राफी के लिए, जो हॉलीवुड फिल्मों को टक्कर देते हैं ।
  2. पौराणिक कथा का आधुनिक प्रस्तुतीकरण: अगर आपको भारतीय पौराणिक कथाओं में दिलचस्पी है और आप उन्हें एक नए अंदाज में देखना चाहते हैं ।

क्यों न देखें? (Why Not Watch?)

  1. अगर आपको धीमी पेसिंग वाली फिल्में पसंद नहीं।  फिल्म का पहला हाफ थोड़ा सुस्त है, और अगर आप तेज रफ्तार वाली फिल्मों के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपको ऊबा सकती है ।
  2. अगर आप फोर्स्ड कॉमेडी पसंद नहीं करते। फिल्म में कुछ कॉमेडी सीन्स अनावश्यक लग सकते हैं, जो आपको परेशान कर सकते हैं। 

 

🌟 रेटिंग (Rating): 

⭐️⭐️⭐️⭐️ (4/5 स्टार)

“मिराई” एक शानदार पौराणिक-आधुनिक सुपरहीरो फिल्म है जो दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब रहती है। तेजा सज्जा का शानदार अभिनय, मनोज मांचू का खलनायक, गौरा हरि का दमदार बैकग्राउंड स्कोर और हैरतअंगेज VFX फिल्म की मुख्य ताकत हैं। हालाँकि पहले हाफ की धीमी रफ्तार और कुछ अनावश्यक कॉमेडी सीन्स फिल्म को थोड़ा नीचे खींचते हैं, लेकिन दूसरा हाफ इन सभी कमियों को भुला देता है। अगर आप एक बेहतरीन विजुअल एक्सपीरियंस और रोमांचक कहानी का आनंद लेना चाहते हैं, तो “मिराई” जरूर देखें। यह फिल्म सिनेमा घर में देखने का एक यादगार अनुभव प्रदान करती है।

“मिराय” साबित करती है कि एक अच्छी कहानी, स्पष्ट विजन और कड़ी मेहनत से कम बजट में भी हॉलीवुड जैसी शानदार फिल्में बनाई जा सकती हैं। यह फिल्म भारतीय सिनेमा में एक नए युग की शुरुआत करती है 

 People Also Ask For  (लोग यह भी पूछते हैं):

प्रश्न: क्या “मिराई” “हनुमान” से बेहतर है?

उत्तर: जहाँ “हनुमान” ने तेजा सज्जा को स्टार बनाया, वहीं “मिराई” उनकी एक्टिंग और फिल्म के VFX में एक कदम आगे है। कहानी और स्केल दोनों ही बड़े हैं। अगर आपको “हनुमान” पसंद आई थी, तो “मिराई” आपको और भी ज्यादा पसंद आएगी ।

प्रश्न: क्या बच्चे “मिराय” देख सकते हैं?

उत्तर: जी हाँ! “मिराय” बच्चों के लिए एक परफेक्ट फैंटेसी एडवेंचर फिल्म है। इसमें कोई भी अश्लील या खौफनाक सीन नहीं है। बल्कि, यह फिल्म उन्हें भारतीय पौराणिक कथाओं से रूबरू कराएगी ।

प्रश्न: फिल्म में कितने गाने हैं और कौन-सा गाना हिट है?

उत्तर: फिल्म में कुल 4-5 गाने हैं, लेकिन सबसे ज्यादा हिट है “जैत्रय” गाना। इसकी धुन और विजुअल्स दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देते हैं। फिल्म में “वाइब वुंडी बेबी” गाने को शामिल नहीं किया गया, जो एक अच्छा फैसला था .

प्रश्न: क्या “मिराई” का OTT रिलीज डेट आया है?

उत्तर: जी हाँ! “मिराईय” का डिजिटल राइट्स जिओ सिनेमा ने ₹40 करोड़ में खरीदा है। अनुमान है कि फिल्म थिएटर में 4-6 हफ्तों के बान OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी .

प्रश्न: क्या “मिराय” की कोई सीक्वल आएगी?

उत्तर: फिल्म के एंडिंग को देखकर लगता है कि निर्माता “मिराई” को एक फ्रैंचाइज़ी बनाना चाहते हैं। फिल्म की सफलता पर निर्भर करेगा कि आगे की किस्तें आती हैं या नहीं .

 

संजय कुमार

मैं खबर काशी डॉटकॉम के लिए बतौर एक राइटर जुड़ा हूं। सिनेमा देखने का शौक है तो यहां उसी की बात करूंगा। सिनेमा के हर पहलू—कहानी, अभिनय, निर्देशन, संगीत और सिनेमैटोग्राफी—पर बारीकी से नजर रहती है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं दर्शकों को ईमानदार, साफ-सुथरी और समझदारी भरी समीक्षा दूँ, जिससे वो तय कर सकें कि कोई फिल्म देखनी है या नहीं। फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, समाज का आईना भी होती हैं—और मैं उसी आईने को आपके सामने साफ-साफ रखता हूँ।"

Exit mobile version