Modi Surname: मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Modi Surname: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (rahul Gandhi) को शुक्रवार बड़ी राहत दे दी। शीर्ष अदालत ने मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को मिली 2 साल की सजा पर रोक लगा दी है। ऐसे में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। लोकसभा अध्यक्ष अब उनकी सदस्यता बहाल कर सकते हैं या राहुल गांधी शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में एक सांसद के रूप में अपनी सदस्यता बहाल करने की अपील कर सकते हैं।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल मई 2024 में समाप्त हो रहा है। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने 2 साल सजा का कारण नहीं बताया है

मामला 2019 का है। शीर्ष अदालत ने राफेल मामले के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राहुल की ‘‘चौकीदार चोर है’’ टिप्पणी को गलत तरीके से बताने के लिए राहुल गांधी द्वारा बिना शर्त माफी के बाद उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही बंद करते हुए भविष्य में उन्हें और अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि जहां तक दोषसिद्धि का सवाल है, भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) के तहत दंडनीय अपराध के लिए सजा अधिकतम दो साल की कैद या जुर्माना या दोनों है और निचली अदालत ने अधिकतम दो वर्ष की सजा सुनाई।

पीठ ने कहा कि अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई चेतावनी के अलावा निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा इसके (दोषसिद्धि) लिए कोई अन्य कारण नहीं बताया गया। केवल निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा सुनाई गई इस अधिकतम सजा के कारण, वह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के दायरे में आ गए। पीठ ने कहा, यदि सजा एक दिन कम होती,तो प्रावधान लागू नहीं होते,खासकर जब कोई अपराध गैर संज्ञेय, जमानती और समझौता योग्य हो।

निचली अदालत के न्यायाधीश से कम से कम यह अपेक्षा थी कि वह अधिकतम सजा देने के लिए कुछ कारण बताते। हालांकि अपीलीय अदालत और उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि पर रोक को खारिज करने के लिए काफी पन्ने भरे हैं, लेकिन उनके आदेशों में इन पहलुओं पर विचार नहीं किया गया है।’’

राहुल गांधी को ऐसी टिप्पणियां करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आगाह किया

शीर्ष अदालत ने गांधी के खिलाफ अवमानना मामले में अपने पूर्व के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अवमानना याचिका में अपना हलफनामा दाखिल करते समय उन्हें ऐसी टिप्पणियां करने में अधिक सावधान रहने और संयम बरतने की जरूरत है, जो कथित तौर पर मानहानिकारक हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि गांधी की दोषसिद्धि और उसके बाद संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाने ने न केवल सार्वजनिक जीवन में बने रहने के उनके अधिकार को प्रभावित किया, बल्कि मतदाताओं के अधिकार को भी प्रभावित किया, जिन्होंने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था।

पीठ ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि बयान अच्छे नहीं थे और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है। इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए और चूंकि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने के लिए कोई कारण नहीं बताया गया, दोषसिद्धि के आदेश पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगाने की जरूरत है।’’

राहुल गांधी के वकील अभिषेक सिंघवी ने पीठ से कहा कि उनका मुवक्किल कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है

सुनवाई शुरू हुई तो राहुल गांधी के वकील अभिषेक सिंघवी ने पीठ से कहा कि उनका मुवक्किल कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके खिलाफ कई मामले दायर कराए जाने के बावजूद उन्हें कभी दोषी नहीं ठहराया गया। गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी, जिनकी शिकायत के कारण गांधी को दोषी ठहराया गया, की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ ढेर सारे सबूत हैं। शीर्ष अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। गांधी ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि उनकी टिप्पणी के कारण शुरू आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए और जोर दिया था कि वह दोषी नहीं हैं। पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?

भाषा इनपुट

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