टिकट ठुकराकर कहीं के नहीं रहे पवन सिंह, बिहार के स्टार प्रचारक की लिस्ट से भी हुए बाहर!

भोजपुरी के पावर स्टार कहे जाने वाले पवन सिंह को बिहार की राजनीति से साइड लाइन कर दिया गया है। भाजपा ने पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिया था लेकिन 24 घंटे के भीतर ही पवन सिंह ने आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी। पवन सिंह के ऐसा करने के बाद अब उन्हें बिहार की राजनीति से ही नदारद कर दिया गया है। यही नहीं उन्हें बिहार के स्टार प्रचारकों की सूची से भी बाहर कर दिया गया है।

रविवार को बिहार की 17 सीटों के लिए जारी प्रत्याशियों की सूची में पवन सिंह का नाम कहीं नहीं दिखा। वहीं पवन सिंह के आरा से चुनाव लड़ने के कायास लगाए जा रहे थे लेकिन भाजपा ने आरा लोकसभा के लिए राज कुमार सिंह यानी आरके सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर से मौका दिया है।

पवन सिंह ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर पोस्ट कर साफ कर दिया कि वह हर हाल में लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे लेकिन कहां से लड़ेंगे, ये नहीं बताया। आसनसोल से बीजेपी का टिकट वापस करने के कुछ ही दिनों के बाद उन्होंने कहा था कि वह अपने समाज, जनता जनार्दन और अपनी मां से किए वादे को जरूर पूरा करूंगे। और चुनाव लड़ेंगे। लेकिन वे अब बिहार की राजनीतिक परिदृश्य से ही गायब हो गए।

क्या है आरा सीट की स्थिति?:

गौरतलब है कि पवन सिंह भोजपुर जिले के रहने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वह आरा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। वह आरा से चुनाव से टिकट चाहते थे लेकिन भाजपा ने उन्हें आसनसोल से उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद पवन सिंह को उनके बंगाल पर गाए गाने को लेकर काफी ट्रोल किया गया। कुछ ही देर बाद पवन सिंह ने टिकट वापस कर दिया।
पवन सिंह को बिहार की 17 लोकसभा सीट से कहीं से भी उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। यही नहीं उन्हें बिहार के स्टार प्रचारकों की सूची से भी बाहर कर दिया गया है। हालांकि भोजपुरी गायक मनोज तिवारी का नाम जरूर है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में प्रचार के लिए 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की जिसमें पहले नंबर पर पीएम मोदी का नाम है. दूसरे नंबर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, तीसरे नंबर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चौथे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम है। लिस्ट में यूपी की सीएम योगी आदित्यनाथ का भी नाम है।

दो बार भारी बहुमत से जीते हैं आरके सिंह

बात आरके सिंह की करें तो वह आरा से दो बार के सांसद रह चुके और तीसरी बार चुनावी मैदान में है। पूर्व आईएएस अधिकारी आरके सिंह ने 2013 में भाजपा की सदस्यता ली थी। उसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव आरा से लड़ा और मोदी लहर में आरके सिंह ने राजद से उम्मीदवार रहे भगवान सिंह कुशवाहा को करीब 1 लाख 35 हजार 870 वोटों से हराया था।  उसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में आरा लोकसभा सीट पर भाकपा माले पार्टी के उम्मीदवार राजू यादव के बीच भाजपा के आरके सिंह के बीच सीधा मुकाबला हुआ, जिसमें राजू यादव को 1 लाख 47 हजार 285 वोटों से करारी हार का सामना करना पड़ा था। दोनों चुनावी जीतों के बाद आरके सिंह केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा भी रहे।

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