PM Modi Varanasi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बनारसवासियों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। पीएम मोदी 22 फरवरी को वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर आएंगे। वह यहां 23 फरवरी को पिंडरा में अमूल बनास डेयरी प्लांट (Banas Kashi Complex) का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी 4200 करोड़ की लागत वाली 21 परियोजनाओं का लोकार्पण व 30 एकड़ परिक्षेत्र में भेल की दूसरी इकाई समेत 2000 करोड़ की 12 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अलावा वाराणसी समेत पूर्वांचल के एक लाख से अधिक गोपालक और किसान मौजूद होंगे।
बनास काशी संकुल क्या है (Banas Kashi Sankul)?
बनास काशी संकुल: पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति लाने की पहल
30 एकड़ में फैला विशाल परिसर:
बनास काशी संकुल 30 एकड़ में फैला हुआ है। यह एक अत्याधुनिक दूध प्रोसेसिंग संयंत्र है जो प्रतिदिन 8 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग क्षमता रखता है। इस परियोजना पर कुल 622 करोड़ रुपये की लागत आई है।
वर्तमान परिदृश्य:
वर्तमान में, बनास डेरी का दूध का कारोबार उत्तर प्रदेश के 47 जिलों (जिनमें से 7 पूर्वांचल में हैं) के 4600 गांवों तक फैला हुआ है।
भविष्य की योजनाएं:
यह दूध संग्रहण अगले साल तक 70 जिलों के 7000 गांवों तक विस्तारित होगा, जिसमें पूर्वांचल में 15 नए जिलों का भी विस्तार शामिल है।
प्रभाव:
बनास काशी संकुल पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति लाने की क्षमता रखता है। यह किसानों को बेहतर आय प्रदान करेगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा, और क्षेत्र में समग्र विकास को बढ़ावा देगा।
पूर्वांचल में बनास डेयरी का विस्तार:
प्रगति:
- 600 से अधिक समितियां पहले से ही चालू हैं।
- 1300 से अधिक समितियां बन चुकी हैं, और यह संख्या वर्ष के अंत तक 2600 तक पहुंच जाएगी।
- बनास डेरी वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 3.5 लाख दूध उत्पादकों के साथ काम कर रही है, जिनमें से 58,000 पूर्वांचल और वाराणसी से हैं।
बढ़ती क्षमता:
- 5 चिलिंग सेंटर पहले से ही ख़ुशीपुर, चोलापुर, मिर्ज़ापुर, गाजीपुर और दूबेपुर में काम कर रहे हैं।
- अगले महीने तक 8 और चिलिंग सेंटर चालू हो जाएंगे।
- वर्तमान में उत्तर प्रदेश से प्रतिदिन 19 लाख लीटर से अधिक दूध एकत्रित किया जा रहा है।
- पूर्वांचल और वाराणसी से प्रतिदिन औसतन 3 लाख लीटर दूध आ रहा है।
- इस साल के अंत तक उत्तर प्रदेश में यह संख्या प्रतिदिन 25 लाख लीटर तक बढ़ जाएगी, जिसमें से 7 लाख लीटर प्रतिदिन वाराणसी और पूर्वांचल से आएगा।
प्रभाव:
- 13 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनास काशी संकुल की आधारशिला रखी गई थी।
- बनास डेरी अपने वाराणसी प्लांट के माध्यम से 750 लोगों को प्रत्यक्ष और 81,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रही है।
- इसमें दूध उत्पादक और किसान भी शामिल हैं।
बनास काशी संकुल: पारंपरिक मिठाइयों का स्वाद, आधुनिक तकनीक से
मिठाई प्रेमियों के लिए खुशखबरी:
बनास काशी संकुल में प्रतिदिन 10,000 किलोग्राम क्षमता की अत्याधुनिक पारंपरिक भारतीय मिठाई निर्माण सुविधा स्थापित की गई है। यह सुविधा स्वादिष्ट मिठाइयों के शौकीन लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का आनंद प्रदान करेगी।
विविधतापूर्ण मिठाइयां:
इस संयंत्र में विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बनाई जाएंगी, जिनमें लाल पेड़ा, लौंगलता, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, रसमलाई, रबड़ी, काजू कतली, मिल्क केक, रसगुल्ला और गुलाबजामुन शामिल हैं।
उच्च गुणवत्ता और स्वाद:
सभी मिठाइयों का निर्माण यथासंभव स्वचालित रूप से सबसे स्वच्छ वातावरण और उपकरणों में किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि मिठाइयों की गुणवत्ता, स्वाद और शेल्फ लाइफ हमेशा उच्च स्तर पर रहे।
आधुनिक तकनीक का लाभ:
बनास काशी संकुल आधुनिक तकनीक का उपयोग करके पारंपरिक मिठाइयों का स्वाद और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सुविधा स्वादिष्ट मिठाइयों के साथ-साथ स्वच्छता और गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को भी स्थापित करेगी।