PM Svamitva Yojana/क्या है स्वामित्व योजनाः ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनकी संपत्ति का कानूनी अधिकार दिलाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत गांवों के आबादी क्षेत्र में बने मकानों का सर्वे ड्रोन की मदद से किया गया और उस आधार पर मालिकों के नाम से प्रॉपर्टी कार्ड (Property Card) जारी किए जा रहे हैं।
कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि उनका प्रॉपर्टी कार्ड बना है या नहीं, या वे सूची में शामिल हैं या नहीं। इसकी जांच अब घर बैठे आसानी से की जा सकती है। इसके लिए सरकार ने svamitva.nic.in नाम से एक पोर्टल जारी किया है।
पीएम स्वामित्व योजना के मुख्य उद्देश्य
स्वामित्व योजना को ग्रामीण प्रशासन और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:
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ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेख तैयार करना और संपत्ति विवादों को कम करना।
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ग्रामीण नागरिकों को उनकी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाना ताकि वे बैंक ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकें।
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संपत्ति कर का निर्धारण और संग्रहण ग्राम पंचायतों के माध्यम से सुनिश्चित करना।
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जीआईएस (GIS) आधारित डिजिटल मानचित्रों का निर्माण करना जो विभिन्न सरकारी विभागों के उपयोग में आ सकें।
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इन मानचित्रों की मदद से ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) को अधिक सटीक और उपयोगी बनाना।
पीएम स्वामित्व योजना के फायदे
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ग्रामीण संपत्ति मालिकों को स्वामित्व/प्रॉपर्टी कार्ड दिए जाते हैं, जो उनकी संपत्ति का कानूनी प्रमाण होते हैं।
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इन कार्डों की मदद से ग्रामीण नागरिक अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर बैंक से ऋण ले सकते हैं।
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संपत्ति विवादों में कमी आती है और ग्राम पंचायतों को कर संग्रहण की नई संभावनाएँ मिलती हैं।
पात्रता और दायरा
यह योजना ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों पर लागू होती है, जहां ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए संपत्ति की पहचान और सीमांकन किया जाता है।
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देशभर के लगभग 6.62 लाख गांव इस योजना के दायरे में आएंगे।
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कार्यान्वयन की कुल अवधि लगभग पाँच वर्ष में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
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कृषि भूमि इस योजना के अंतर्गत नहीं आती।
आवेदन और सर्वेक्षण प्रक्रिया
1. सर्वेक्षण पूर्व गतिविधियाँ
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ग्राम सभा में सूचना देकर सर्वेक्षण की तारीख तय की जाती है।
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संपत्ति की पहचान और सीमांकन किया जाता है।
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ड्रोन सर्वेक्षण की अनुमति प्राप्त की जाती है।
2. सर्वेक्षण गतिविधियाँ
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ग्राउंड कंट्रोल पॉइंट और कोऑर्डिनेट्स तय किए जाते हैं।
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ड्रोन के माध्यम से उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेज ली जाती हैं।
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डेटा प्रोसेसिंग और GIS मानचित्र तैयार किए जाते हैं।
3. सर्वेक्षण के बाद की गतिविधियाँ
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सर्वेक्षण रिपोर्ट ग्राम सभा में सार्वजनिक की जाती है।
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यदि कोई विवाद या आपत्ति होती है तो उसकी जांच की जाती है।
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अंतिम सत्यापन के बाद संबंधित संपत्ति के स्वामित्व कार्ड जारी किए जाते हैं।
कैसे जांचें आपका प्रॉपर्टी कार्ड बना है या नहीं
कई लोग यह जानना चाहते हैं कि उनका Property Card तैयार हुआ है या नहीं। इसके लिए सरकार ने svamitva.nic.in नाम से एक पोर्टल जारी किया है।
जांच के चरण:
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वेबसाइट svamitva.nic.in खोलें।
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अपने गांव का नाम या गांव कोड दर्ज करें (कोड खतौनी या राजस्व अभिलेख से देखा जा सकता है)।
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खोजने पर आपके गांव की पूरी सूची स्क्रीन पर आ जाएगी।
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सूची में लाभार्थी का नाम, पिता का नाम, संपत्ति का क्षेत्रफल और कार्ड वितरण की तारीख दी होती है।
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यदि आपका नाम सूची में है, तो आपका प्रॉपर्टी कार्ड तैयार हो चुका है या वितरण प्रक्रिया में है।
अगर आपका नाम सूची में नहीं है, तो हो सकता है कि आपके गांव का सर्वेक्षण अभी पूरा न हुआ हो या डिजिटल हस्ताक्षर की प्रक्रिया लंबित हो। इस स्थिति में आप अपने लेखपाल या तहसील कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज
गांव के संपत्ति मालिकों को अपनी पहचान और स्वामित्व साबित करने के लिए राजस्व अधिकारियों द्वारा मांगे गए दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं, जैसे पहचान पत्र, संपत्ति से संबंधित पुराने दस्तावेज या ग्राम सभा रिकॉर्ड।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न: क्या स्वामित्व योजना में कृषि भूमि शामिल है?
उत्तर: नहीं, स्वामित्व योजना केवल गांव के आबादी क्षेत्र में आने वाली संपत्तियों पर लागू होती है।
प्रश्न: Property Card से क्या लाभ होता है?
उत्तर: यह कानूनी स्वामित्व का प्रमाण होता है जिससे व्यक्ति अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर ऋण या अन्य वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकता है।









