Ratan Tata Education: कितने पढ़े-लिखे थे रतन टाटा, जानिए उनकी शैक्षणिक योग्यता

Ratan Tata Education: प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वर्तमान में रतन टाटा टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिटस के रूप में कार्यरत थे, जबकि नटराजन चंद्रशेखरन समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद पर हैं। रतन टाटा को उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व और परोपकार के लिए पूरे विश्व में सम्मानित किया जाता है।

रतना टाटा का शुरुआती जीवन और परिवार

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को नेवल टाटा और सूनू टाटा के घर हुआ था। जब वह केवल 10 साल के थे, उनके माता-पिता का तलाक हो गया। इसके बाद, रतन टाटा और उनके भाई को उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने पाला। बचपन के कठिन दौर के बावजूद, रतन टाटा ने अपनी शिक्षा और कड़ी मेहनत से एक मजबूत व्यक्तित्व का निर्माण किया।

रतना टाटा की शिक्षा: साधारण शुरुआत से ऊंचाइयों तक

रतन टाटा की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल और जॉन कॉनन स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से अपनी स्कूलिंग पूरी की। अपनी शिक्षा के प्रति समर्पण दिखाते हुए, उन्होंने 17 साल की उम्र में अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय (इथाका, न्यूयॉर्क) का रुख किया, जहां से उन्होंने 1962 में आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

कॉर्नेल से स्नातक होने के बाद, रतन टाटा ने टाटा समूह में 1962 में बतौर सहायक अपनी यात्रा शुरू की। उसी साल उन्होंने टाटा मोटर्स (उस समय टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी) के जमशेदपुर संयंत्र में छह महीने का प्रशिक्षण लिया, जिसने उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया।

रतन टाटा ने ली थी हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की डिग्री

रतन टाटा की शिक्षा यात्रा यहीं नहीं रुकी। अपनी स्नातक डिग्री के बाद, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम में दाखिला लिया और 1975 में इसे पूरा किया। इस प्रोग्राम ने उनकी नेतृत्व क्षमता को और निखारा, जिससे उन्होंने टाटा समूह को वैश्विक पटल पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रतन टाटा का कैसा रहा व्यावसायिक सफर

1981 में, रतन टाटा को टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन नियुक्त किया गया। इसके बाद, 25 मार्च 1991 को उन्होंने जेआरडी टाटा से टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं, जिसमें वैश्विक स्तर पर अधिग्रहण और टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टीसीएस जैसी कंपनियों का अभूतपूर्व विस्तार शामिल है।

रतन टाटा को सम्मान और उनका योगदान

रतन टाटा के नेतृत्व और परोपकारी प्रयासों के लिए भारत सरकार ने 2008 में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल व्यावसायिक क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुआ, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

रतन टाटा का जीवन और उनकी शिक्षा यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनका समर्पण, अनुशासन और दूरदर्शिता उन्हें एक ऐसा व्यक्तित्व बनाते हैं जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

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