Sawan 2025: पारद से लेकर मिश्री तक, इन 10 दुर्लभ शिवलिंगों की पूजा से बदल सकता है भाग्य

Sawan 2025: भगवान शिव का प्रिय माह सावन 11 जुलाई 2025 से आरंभ होने जा रहा है। शिवभक्त इस पवित्र मास में भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना में जुटेंगे। मंदिरों में शिव के जयकारों से वातावरण गूंज उठेगा। आमतौर पर पत्थर या धातु से बने शिवलिंग की पूजा की जाती है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि शिवलिंग केवल इन्हीं सामग्रियों से नहीं, बल्कि पीपल की लकड़ी, मिश्री, आंवला, फूल, सोंठ, मिर्च आदि से भी बनते हैं, और इनका पूजन धर्मग्रंथों में विशेष रूप से उल्लेखित है।

शिव, जिन्हें ‘विश्वनाथ’ कहा जाता है, उनकी पूजा के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री का आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व होता है। शिव पुराण, लिंग पुराण और स्कंद पुराण में शिवलिंग के विभिन्न स्वरूपों का विस्तार से वर्णन मिलता है, जिनमें प्रत्येक सामग्री किसी न किसी इच्छित फल की पूर्ति करती है।

Sawan 2025: किस सामग्री से बने शिवलिंग से क्या मिलता है?

  • पारद (पारा) से बना शिवलिंग सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसका अभिषेक सभी सिद्धियों और मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

  • दही से बने शिवलिंग की पूजा से सुख और धन की प्राप्ति होती है।

  • गुड़ से बना शिवलिंग कृषि उत्पादन में वृद्धि करता है।

  • आंवला से बना शिवलिंग मोक्ष का साधन है।

  • कपूर से बना शिवलिंग साधकों को ध्यान और आत्मिक उन्नति में मदद करता है।

  • स्फटिक से निर्मित शिवलिंग सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है।

  • सोना और चांदी से बने शिवलिंग गृहस्थों को समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं।

  • पीपल की लकड़ी से बना शिवलिंग दरिद्रता का नाश करता है।

  • लहसुनिया से बना शिवलिंग शत्रुओं पर विजय दिलाता है।

  • बिबर की मिट्टी से बने शिवलिंग से विषैले जीव-जंतुओं से रक्षा होती है।

  • मिश्री से बने शिवलिंग रोगों का नाश करते हैं।

  • फूलों से बने शिवलिंग भूमि और भवन प्राप्ति का कारक हैं।

  • दुर्वा से बने शिवलिंग अकाल मृत्यु के भय को दूर करते हैं।

Sawan 2025 में विशेष पूजन

सावन माह में शिवलिंग का अभिषेक अत्यंत फलदायी माना गया है। धर्मग्रंथों के अनुसार, इन विविध सामग्रियों से निर्मित शिवलिंग की पूजा करने से सिर्फ आध्यात्मिक लाभ ही नहीं, बल्कि सांसारिक सुख, धन, स्वास्थ्य और संतति की प्राप्ति भी होती है।

इस सावन, अगर आप भगवान शिव की कृपा चाहते हैं, तो अपनी आस्था के अनुरूप शिवलिंग का स्वरूप चुनकर पूजन करें—यह सिर्फ पूजा नहीं, ऊर्जा के साथ एक आध्यात्मिक संवाद भी है।

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मयंक शेखर

मैं मीडिया इंडस्ट्री से पिछले 7 सालों से जुड़ा हूं। नेशनल, स्पोर्ट्स और सिनेमा में गहरी रूचि। गाने सुनना, घूमना और किताबें पढ़ने का शौक है।

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