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सावन अमावस्या 2024 में इस एक उपाय से पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य?

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सावन का अमावस्या 2014 कब है? फोटोः Instagram

Sawan Amavasya 2024, Hariyali Amavasya 2024: सावन अमावस्या कब है? यह दिन शिव भक्तों के लिए खास होता है। सावन का महीना चल रहा है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन में भगवान शिव की विशेष पूचा और अर्चना की जाती है।

मान्यता है कि इस महीने में किए गए दान का फल अनेक गुना बढ़ जाता है। हमारे जीवन में जो भी कष्ट होते हैं, हम उम्मीद करते हैं कि भगवान शिव उन्‍हें समाप्त करेंगे। क्योंकि वह दया की मूर्ति हैं।

वैसे तो हर दिन आप भगवान की आराधन करते हैं लेकिन कुछ ऐसे विशेष दिन भी होते हैं जब भगवान की आराधन करने पर आप पर उनकी विशेष कृपा होती है। और सावन का महीना इस दृष्टि से बेहद ही खास माना जाता है।

 मान्यताओं के आधार पर सावन में भगवान शिव स्वयं धरती पर आते हैं। इस महीने में शिवलिंग पर एक लोटा जल ही समर्पित करने से वे खुश हो जाते हैं। एक लोट जल चढ़ाने मात्र से वे आपके सारे दुख हर लेंगे।

सावन अमावस्या 2024 कब है? (sawan Amavasya 2024 date)

मान्यता है कि सावन में आने वाली अमावस्या में भी दान का अपना अलग ही महत्व है। अमावस्या की बात करें तो, हरियाली अमावस्या (श्रावण अमावस्या) 4 अगस्त को पड़ेगी। अमावस्या तिथि प्रारंभ 3 अगस्त को दोपहर 3:50 से होगा और समाप्ति 4 अगस्त को दोपहर 4.42 बजे होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या 4 अगस्त को मनाई जाएगी।

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आज हम उन चीजों की बात करेंगे, जिनका सावन के महीने में दान करना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बेहद ही अच्‍छा माना जाता है। आइए कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानें, जिनके दान मात्र से ही आपके कष्ट कटने के साथ आपको पुण्य मिलता है।

सावन अमावस्या में दान का महत्व

दान के महत्‍व पर आईएएनएस ने बात करते हुए भारतीय ज्ञान शोध संस्थान में शिक्षक के रूप में कार्यरत ज्योतिषाचार्य अल्का शर्मा ने कहा कि “साल भर में जितनी भी अमावस्या आती है, उनका अपने आप में एक विशेष महत्व होता है। सावन में जो अमावस्या आती है, उसका अपना अलग महत्व है।

ज्योतिषाचार्च अल्का शर्मा ने कहा कि घरों में अशांति रहती है जिसका मुख्य कारण है पितृ दोष। सावन की अमावस्या पर अगर दान-पुण्य करते हैं तो आपके घर में सुख शांति तो आएगी ही, साथ ही पितृदोष से भी मुक्ति मिलेगी।”

ज्योतिषाचार्य ने कहा कि सावन अमावस्या में वह वस्‍तु दान की जा सकती है, जिसकी किसी जरूरतमंद को आवश्यकता हो। हम शिवलिंग पर भी अक्‍सर ऐसी ही चीजें अर्पित करते हैं, जो किसी के काम आ सके। जैसे वस्‍त्र दान। वस्‍त्र किसी की भी मूलभूत जरूरत होती है। कई लोग सावन में जनेऊ दान करते हैं, मगर, इसकी जगह वस्‍त्रों का दान ही उचित है।

सावन अमावस्या पर पौधारोपण करेंं

अल्का शर्मा ने कहा कि सावन में पौधरोपण का भी विशेष महत्व माना गया है। बीजारोपण सावन में सबसे बड़ी सेवा मानी गई है। इस माह में पौधे लगाने या दान करने से हम सामाजिक ऋण से मुक्‍त हो जाते हैं। इस माह में हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य कर सकता है।

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