shatavari tea benefits: कोलेस्ट्रॉल, मोटापा को कम करने से लेकर हाइपरटेंशन तक, जानें शतावरी चाय के अनेक फायदे

shatavari tea benefits: शतावरी की चाय के बारे में जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि शतावरी है क्या (What is Shatavari in Hindi?)? यहां बता दें कि शतावरी (शतावरी रेसमोसस) एक लोकप्रिय औषधीय जड़ी बूटी है जिसका उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। आयु्र्वेद के मुताबिक इसके सेवन से कई रोगों में राहत मिलती है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग एंग्जायटी, स्ट्रेस, पीरियड्स की परेशानियों को कम करने के लिए होता है। यही नहीं इसके प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल को भी घटाया जा सकता है। यह मोटापा और कमजोर इम्यूनिटी में तो बहुत ही अच्छा लाभा पहुंचाता है।

शतावरी का पौधा कैसा होता है? शतावरी की लताएं फैलने वाली, और झाड़ीदार होती हैं। एक-एक बेल के नीचे कम से कम 100, इससे अधिक जड़ें होती हैं। ये जड़ें लगभग 30-100 सेमी लम्बी, एवं 1-2 सेमी मोटी होती हैं। जड़ों के दोनों सिरें नुकीली होती हैं। इन जड़ों के ऊपर भूरे रंग का, पतला छिलका रहता है। इस छिलके को निकाल देने से अन्दर दूध के समान सफेद जड़ें निकलती हैं। इन जड़ों के बीच में कड़ा रेशा होता है, जो गीली एवं सूखी अवस्था में ही निकाला जा सकता है।

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पतंजलि के अनुसार, इसका प्रयोग अनेक बीमारियों के इलाज में किया जाता है। शतावरी दो प्रकार की होती हैं, जो ये हैंः-

विरलकन्द शतावरः इसके कन्द छोटे, मांसल, फूले हुए तथा गुच्छों में लगे हुए होते हैं। इसके कन्द का काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता है।

shatavari tea benefits in hindi

कुन्तपत्रा शतावरः यह झाड़ीनुमा पौधा होता है। इसके कन्द छोटे, और मोटे होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं, और फल गोल होते हैं। कच्ची अवस्था में फल हरे रंग के, और पकने पर लाल रंग के हो जाते हैं। इसके कंद शतावर से छोटे होते हैं।

शतावरी के प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल को भी घटाया जा सकता है। यह मोटापा और कमजोर इम्यूनिटी में तो बहुत ही अच्छा लाभा पहुंचाता है। तो आइए जानते हैं कि शतावरी की चाय कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए कैसे फायदेमंद है?

शतावरी की चाय बनाने की रेसिपी और शतावरी के चाय पीने से होने वाले (shatavari tea benefits ) फायदे?

शतावरी में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जिसमें प्रोटीन, आयरन, फाइबर, सोडियम इत्यादि शामिल है। यह हमारे शरीर में हार्मोन को संतुलित कर सकता है। साथ ही इससे पीरियड्स में दर्द, कमजोर इम्यूनिटी, मोटापा इत्यादि को घटाया जा सकता है।

शतावरी की चाय बनाने की विधि (Shatavari Tea Recipe)

शतावरी की चाय बनाने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:

सामग्री:

1 छोटी चम्मच शतावरी रेसेमोसस पाउडर (यदि पाउडर उपलब्ध है)
1 छोटा चम्मच शतावरी रेसेमोसस कटी हुई जड़ (यदि ताजगी जड़ मिलती है)
2 कप पानी
1 छोटी चम्मच मिश्री या अन्य प्राकृतिक मिठास (वैकल्पिक)

बनाने की विधि:

पानी को एक कढ़ाई में डालें और उसमें शतावरी पाउडर या कटी हुई जड़ डालें।

गरमा गरम परतक करें और अच्छे से उबालें।

चाय को अच्छे से उबालने दें, ताकि पानी का आधा हिस्सा बचे।

आधे हिस्से को छलन द्वारा छान लें और उसमें मिश्री या अन्य प्राकृतिक मिठास डालें।

चाय पीने के लिए तैयार है।

कोलेस्ट्रॉल में कैसे फायदेमंद है शतावरी की चाय?

शतावरी की चाय कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होती। क्योंकि इसमें अघुलनशील फाइभर होता है। जो पाचन तंत्र की मजबूती को बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसमें पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। अगर आप हार्ट अटैक, कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक के खतरों को कम करना चाहते हैं, तो शतावरी के बनी चाय का सेवन करें।

शतावरी चाय (Shatavari Tea) के सेवन से होने वाले अन्य फायदे:

महिला प्रजनन स्वास्थ्य: शतावरी चाय महिलाओं के प्रजनन के दौरान काफी लाभदायक होता है। मासिक धर्म की समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है। यह चाय गर्भावस्था के दौरान शांति और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है।

बरसात में होने वाली दिक्कतों को दूर करता हैः शतावरी की चाय बरसात के समय होने वाली दिक्कतों को कम कर सकती है, जैसे कि गर्मियों में होने वाली अधिकता और उच्छ्वास।

पाचन स्वास्थ्य: शतावरी चाय के सेवन से पाचन संबंधी सभी विकार दूर हो जाते हैं। और पाचन को मजबूती मिलती है। यह अपच को कम करने और पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है।

तनाव को दूर करना: शतावरी चाय का सेवन तनाव को कम करने और शांति प्राप्त करने में मदद करती है।

यह अद्यतित जानकारी के रूप में प्रदान की गई है, इसलिए शतावरी चाय का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उच्च एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कारण (Causes of High LDL Cholesterol)

अस्वास्थ्यकर आहार (Unhealthy Diet): वसा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और शर्करा यानी चीनी युक्त खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।

व्यायाम की कमी: शरीक के स्वस्थ रखने के लिए रोजाना व्यायाम जरूरी है। ऐसा न करने से भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर में योगदान कर सकती है।

आनुवंशिकी: कई बारआनुवंशिकी भी आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है।

मोटापा: अतिरिक्त वजन, विशेष रूप से पेट के आसपास, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि करता है।

धूम्रपान: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और “अच्छे” कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को कम करता है।

मधुमेह: मधुमेह वाले लोगों में अक्सर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है।

आयु और लिंग: कोलेस्ट्रॉल का स्तर उम्र के साथ बढ़ता है और आमतौर पर रजोनिवृत्ति तक पुरुषों में अधिक होता है।

 

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