Tanvi The Great Review: एक दिल को छूने वाली फिल्म

Tanvi The Great Review: एक मासूम लड़की, जो बोलती कम है, पर कर गुजरने का ज़ज्बा उसके खून में है। ‘Tanvi The Great’ ना सिर्फ़ फिल्म है, ये एक एहसास है, एक खामोश जंग है — समाज की सोच से, सिस्टम से, और ख़ुद से भी।

नमस्कार दोस्तों, चाहे बाहर बरसात हो या गर्मी का तापमान 40 पार हो गया हो, अगर आप कुछ ऐसा देखना चाहते हैं जो दिल को छू जाए और आँखें नम कर दे — तो चलिए, बैठ जाइए, मैं आज आपको ले चल रहा हूँ ‘Tanvi The Great’ की दुनिया में।

Tanvi The Great फिल्म की कहानी

यह कहानी है तन्वी की, एक ऑटिस्टिक लड़की, जिसकी दुनिया बाकी लोगों से अलग है। वो हँसती है, गाती है, लड़ती है – लेकिन अपनी ही दुनिया में। जब उसे अपने शहीद पिता की कहानी पता चलती है, तो उसके भीतर एक सपना जन्म लेता है — देश की सेवा करने का, सेना में भर्ती होने का।

‘Tanvi The Great’ दिल को तोड़ती नहीं, छूती है। फिल्म एकदम भावनात्मक है लेकिन ‘ओवरडोज़ इमोशन’ नहीं देती, बल्कि सादगी में सच्चाई रखती है।

Tanvi The Great की एक्टिंग की बात

शुभांगी दत्त (Tanvi) – एकदम नेचुरल, ऐसा लगा जैसे कैमरे को भूल कर वो सच में तन्वी बन गई हों। एक-एक हावभाव में मासूमियत है। कहीं पर भी एक्टिंग ‘की’ नहीं, बस ‘जी’ ली।

अनुपम खेर (दादू) – इमोशनल सपोर्ट की मूरत। जिस सीन में वो कहते हैं “मेरी तन्वी कुछ भी कर सकती है”, वहां आंखें भर आईं।

पल्लवी जोशी (माँ) – एक सशक्त लेकिन शांत माँ का रोल बखूबी निभाया।

साइड कास्ट – बॉमन ईरानी थोड़े कमज़ोर लिखे गए, लेकिन अरविंद स्वामी और जैकी श्रॉफ स्क्रीन पर वजन लाते हैं।

तन्वी द ग्रेट के डायरेक्शन, म्यूज़िक और टेक्निकल पहलू

डायरेक्शन (अनुपम खेर) – 23 साल बाद डायरेक्शन में वापसी और ज़बरदस्त वापसी! हाँ, सेकंड हाफ में थोड़ा लय टूटता है, लेकिन भावनाओं में कमी नहीं।

सिनेमैटोग्राफी – लांसडाउन का हर फ्रेम पोस्टकार्ड जैसा लगता है। पहाड़ों की खामोशी और तन्वी की जद्दोजहद – दोनों कैमरे में खूबसूरती से कैद हैं।

म्यूज़िक – MM कीरवानी ने सिंपल और सोलफुल म्यूज़िक दिया है। एक भी गाना बेवजह नहीं लगता।

एडिटिंग – कहीं-कहीं फिल्म खिंचती है, खासकर जब ट्रेनिंग सीक्वेंस शुरू होता है। SSB वाला हिस्सा थोड़ा अवास्तविक लगा।

Tanvi The Great का ट्रेलर देखकर क्या लगा था?

जब ट्रेलर देखा था, तो यही लगा था कि शायद एक ‘ओवर इमोशनल’ कहानी होगी। लेकिन फिल्म में वो इमोशन संयमित और दिलचस्प निकले। ट्रेलर ने जो वादा किया था, फिल्म ने उसे पूरा किया।

बिलकुल! नीचे दिया गया है “Thanvi The Great” का पूरा Quick Info Box वेबसाइट के लिए साफ और प्रोफेशनल टेबल फॉर्मेट में:

जानकारी विवरण
🎬 टाइटल Tanvi The Great
🎥 फॉर्मेट फ़िल्म (Drama)
🎭 शैली Drama, Inspirational
📅 रिलीज़ डेट 18 जुलाई 2025
रनटाइम लगभग 2 घंटे 39 मिनट (159 मिनट)
🗣 भाषा हिंदी
🎬 निर्देशक अनुपम खेर
👥 स्टार कास्ट शुभांगी दत्त, अनुपम खेर, बोमन ईरानी, जैकी श्रॉफ, पल्लवी जोशी, करन टेकर, अरविंद स्वामी, नासर, इयान ग्लेन
🎼 संगीत एम. एम. कीरवाणी
🎥 सिनेमैटोग्राफ़ी केइको नाकाहारा
📺 ओटीटी प्लेटफॉर्म थिएटर के बाद संभावित Netflix रिलीज़
रेटिंग   ⭐⭐⭐⭐/5

 

ओवरएक्टिंग का केस

SSB के दौरान जब तन्वी दौड़ती है और एकदम ‘आर्मी मशीन’ बन जाती है – वो थोड़ा एक्स्ट्रा था। कोई भी ऑटिस्टिक बच्ची इतनी जल्दी ‘फिट’ नहीं हो जाती, थोड़ी ज़मीनी सच्चाई मिस हो गई थी वहाँ।

✅ किसे देखनी चाहिए और किसे नहीं?

जरूर देखें अगर:

  1. आपको इंस्पिरेशनल और इमोशनल कहानियाँ पसंद हैं।
  2. आप नई प्रतिभाओं को खुलते हुए देखना चाहते हैं।

न देखें अगर:

  1. आप हार्डकोर थ्रिल या स्पीडी प्लॉट चाहते हैं।
  2. धीमी फिल्में आपको बोर करती हैं।

 

⭐ रेटिंग

⭐⭐⭐⭐☆ (4/5)

कारण: जबरदस्त परफॉर्मेंस, भावनात्मक पकड़, लेकिन सेकंड हाफ में थोड़ी सुस्ती और कुछ ओवरड्रामैटिक एलिमेंट्स की वजह से एक स्टार कटा।

तो दोस्तों, अगर आप दिल से जुड़ने वाली कहानी देखना चाहते हैं, जिसमें देशभक्ति हो, मां-बेटी का रिश्ता हो, और समाज को आईना दिखाती खामोशियाँ हों — तो ‘Tanvi The Great’ ज़रूर देखें।

People also ask for :

Q1: क्या ‘Tanvi The Great’ सच्ची घटना पर आधारित है?

A: नहीं, लेकिन यह कहानी रियल इमोशन और ऑटिज़्म के प्रति संवेदनशीलता दिखाती है।

Q2: क्या यह फिल्म OTT पर रिलीज़ होगी?

A: अभी थिएटर में है, लेकिन अगले 4-6 हफ्तों में OTT पर आने की संभावना है।

Q3: शुभांगी दत्त की ये कौन सी फिल्म है?

A: यह उनका डेब्यू है — और एक दमदार शुरुआत!

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संजय कुमार

मैं खबर काशी डॉटकॉम के लिए बतौर एक राइटर जुड़ा हूं। सिनेमा देखने का शौक है तो यहां उसी की बात करूंगा। सिनेमा के हर पहलू—कहानी, अभिनय, निर्देशन, संगीत और सिनेमैटोग्राफी—पर बारीकी से नजर रहती है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं दर्शकों को ईमानदार, साफ-सुथरी और समझदारी भरी समीक्षा दूँ, जिससे वो तय कर सकें कि कोई फिल्म देखनी है या नहीं। फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, समाज का आईना भी होती हैं—और मैं उसी आईने को आपके सामने साफ-साफ रखता हूँ।"

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