सामग्रीः करवा चौथ के पूजन थाली में चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे इत्यादी को शामिल करना चाहिए।
सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं। व्रती महिलाओं को इस दिन पूजा के लिए आठ पूरियों की अठावरी बनानी चाहिए। इसके अलावा हलवा बनाया जाता है।
करवा चौथ का पर्व समाज में पति-पत्नी के नाते को मजबूत करता है और समृद्धि, सौभाग्य और खुशी की कामना के साथ मनाया जाता है।
महिलाएं इस दिन विशेष तरह के पकवान बनाती हैं और पूजा के दौरान इसे पति को खिलाती हैं। चाँद की पूजा के बाद, जब चाँद नजर आता है, तो पति की ओर से पत्नी को खाना खिलाया जाता है और इससे व्रत टूटता है।