Electoral Bond Scheme: मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को गुरुवार रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करना होगा।
बैंक तत्काल चुनावी बांड जारी करना बंद कर देंः सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बैंक तत्काल चुनावी बांड जारी करना बंद कर दें। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बांड का ब्योरा 13 मार्च को पेश करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एसबीआई भारत के चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करेगा और ECI इन विवरणों को वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।
Gyanvapi ASI Survey Report PDF Image: एएसआई सर्वे की रिपोर्ट आई सामने, ज्ञानवापी में क्या-क्या मिला? देखें तस्वीरें
Electoral Bond Scheme
काले धन पर अंकुश लगाने के लिए RTI का उल्लंघन उचित नहीं: SC
केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, दो अलग-अलग फैसले हैं – एक उनके द्वारा लिखा गया और दूसरा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा और दोनों फैसले सर्वसम्मत हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, चुनावी बांड के माध्यम से कॉर्पोरेट योगदानकर्ताओं के बारे में जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए क्योंकि कंपनियों द्वारा दान पूरी तरह से बदले के उद्देश्य से है।
क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड? (What is Electoral Bond)
मोदी सरकार ने कालेधन पर रोक लगाने की बात कहते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लागू की थी। इसकी शुरुआत साल 2018 में हुई थी। इसके तहत IT और कंपनी एक्ट में बदलाव किए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक मानते हुए कहा कि कंपनियों द्वारा करोड़ों का चंदा सरकार की नीतियों को प्रभावित कर सकता है। सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को लागू करते हुए यह तर्क दिया था कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता आएगी।
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के तहत व्यक्ति, कॉर्पोरेट व संस्थाएं एसबीआई से बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में देती हैं। राजनीतिक दल 15 दिन के भीतर इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते हैं। कोई भी दानदाता एक करोड़ रुपए तक मूल्य के इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीद कर पार्टी को दे सकता है। इस दौरान उसकी पहचान गुप्त रहेगी।