अनंतनाग में जान गंवाने वाले Major Ashish Dhonchak की कहानी भावुक कर देगी

अनंतनाग में बुधवार (13 सितंबर) को आतंक विरोधी ऑपरेशन में जान गंवाने वाले मेजर आशीष ढोंचक (Major Ashish Dhonchak) का अंतिम संस्कार हरियाणा के पानीपत में किया गया। मेजर आशीष ढोंचक का शव को शुक्रवार सुबह पानीपत स्थित उनके घर लाया गया। जब उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तो सड़क के किनारे खड़े बड़ी संख्या में लोगों ने मेजर आशी को अंतिम सम्मान दिया। कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag) जिले में 13 सितंबर को एक सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबल पर हमला कर दिया था जिसमें भारतीय सेना के दो अधिकारी मेजर आशीष ढोंचक (Ashish Dhonchak) और 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह (General Manpreet Singh) और DSP हुमायूं भट्ट (Humayun Bhatt) की मौत हो गई थी।

कौन थे मेजर आशीष ढोंचक (Who was Major Ashish Dhonchak?)

मेजर ढोंचक हरियाणा के पानीपत के रहने वाले थे (major ashish dhonchak biography )। उनका परिवार बिंझोल नामक एक छोटे से गाँव से है। वह अपने सेवानिवृत्त एनएफएल क्लर्क पिता के इकलौते बेटे थे। आशीष ढोंचक की तीन बहनें हैं। धोंचक ने अपने पिता से कहा था कि वह चार महीने बाद अपने जन्मदिन पर घर आएंगे। उनका परिवार फिलहाल पानीपत में किराए के मकान में रहता है। उन्हें एक नए घर का उद्घाटन करना था जो उनके पिता ने उनके लिए पानीपत में बनाया था।

मेजर आशीष ढोंचक की पत्नी और बच्चे

मेजर ढोंचक की शादी नौ साल पहले हरियाणा के जिंद की ज्योति से हुई थी। उनकी 2.5 साल की एक बेटी वामिका है। कश्मीर में पोस्टिंग से पहले आशीष पंजाब के बठिंडा में पोस्टेड थे। उन्हें इस साल की शुरुआत में 11 अगस्त को सेना पदक से सम्मानित किया गया था।

अनंतनाग में क्या हुआ था 12-13 सितंबर की मध्यरात्रि?

मेजर आशीष धोंचक 12-13 सितंबर की रात को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ के दौरान मारे गए तीन भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों में से एक थे। यह मुठभेड़ अनंतनाग के कोकेरनाग वन क्षेत्र में हुई। मेजर धोंचक भारतीय सेना और कश्मीर साउथ जोन पुलिस की संयुक्त ऑपरेशन टीम का हिस्सा थे।

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जान गंवाने वाले अन्य दो अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह और डीएसपी हुमायूं भट हैं। सेना को कोएरनाग गांव में दो आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी मिली थी। जैसे ही सेना और पुलिस के जवान आतंकवादियों के करीब पहुंच रहे थे, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी में मेजर धोंचाक को भी गोली लगी।

उन्हें कर्नल मनप्रीत सिंह और डीएसपी हुमायूं भट के साथ श्रीनगर के एक अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि, चिकित्सा उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। भारतीय सेना और पुलिस ने देश की सेवा में उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए बहादुरों को श्रद्धांजलि दी है। जवानों की इस शहादत को पूरा देश नमन कर रहा है।

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