UP SIR Online: भारतीय चुनाव आयोग ने पिछले महीने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत की थी। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया हर चुनाव से पहले दोहराए गए नाम हटाने, मृत मतदाताओं का नाम निकालने और सूची को सही करने के लिए की जाती है।
अब सभी राज्यों में यह काम शुरू हो चुका है। बूथ लेवल ऑफिसर घर-घर जाकर SIR फॉर्म दे रहे हैं। चाहें तो मतदाता यह फॉर्म ऑनलाइन भी भर सकते हैं।
मतदाताओं में प्रक्रिया को लेकर कई सवाल हैं, खासकर उन लोगों में जो हाल ही में दूसरे शहर या जिले में गए हैं। आयोग ने इन्हीं उलझनों को देखते हुए निर्देश और विकल्प जारी किए हैं।
मतदाता अपने या परिवार के सदस्यों की पूरी जानकारी चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर देख सकते हैं। आयोग के अनुसार, हर मतदाता से तीन बार संपर्क करने की कोशिश की जाएगी। बीएलओ दो फॉर्म देते हैं, जिनमें से एक भरकर वापस करना होता है और दूसरा अपने पास रखना होता है। बीएलओ का नाम और नंबर स्थानीय अधिकारियों या वेबसाइट पर EPIC नंबर डालकर मिल जाता है। इसके अलावा ECI नेट ऐप में “बुक अ कॉल” फीचर भी है। जरूरत होने पर मतदाता एसटीडी कोड के साथ 1905 पर कॉल कर सकते हैं।
ऑनलाइन SIR फॉर्म कैसे भरें, अंतिम तारीख क्या है?
फॉर्म चुनाव आयोग के वोटर सर्विसेज पोर्टल और राज्य के CEO पोर्टल पर 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक उपलब्ध है। एन्यूमरेशन फॉर्म 2026 में EPIC नंबर या उससे जुड़े मोबाइल नंबर से लॉगिन किया जा सकता है। नीचे दिए विकल्पों के आधार पर यह जानकारी देनी पड़ती है कि पिछली सूची में नाम है या माता-पिता/दादा-दादी का नाम है या दोनों में से कोई नहीं है।
अगर आपका नाम मौजूद है तो परिवार से जुड़ी जानकारी जोड़ सकते हैं। अगर नाम नहीं है तो अपने माता-पिता या दादा-दादी का नाम ढूंढकर दर्ज करना होगा। आयोग की सलाह है कि आधार, EPIC और पिछले SIR में नाम की स्पेलिंग एक जैसी हो। बदलाव की जरूरत हो तो ऑफलाइन फॉर्म भरना पड़ेगा।
जिनके पास वोटर आईडी है, वे EPIC नंबर डालते ही अपनी जानकारी ऑटो-फिल कर सकते हैं। नए मतदाताओं को न्यू फॉर्म चुनना होगा। फॉर्म भरने से पहले नाम, उम्र, पता और अन्य विवरण जांच लेना जरूरी है। सफेद पृष्ठभूमि वाली पासपोर्ट फोटो अपलोड करनी होती है। जमा करने के बाद उसी पोर्टल पर फॉर्म की स्थिति ट्रैक की जा सकती है।
SIR के लिए कौन-कौन से दस्तावेज हैं मान्य?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार पहचान के लिए कई दस्तावेज मान्य हैं, जिनमें-
- सरकारी पहचान पत्र या पेंशन आदेश
- पुराने सार्वजनिक क्षेत्र के पहचान पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट
- शैक्षिक प्रमाणपत्र
- स्थायी पता प्रमाण पत्र
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- परिवार रजिस्टर
- भूमि/भवन आवंटन का प्रमाण और जहां लागू हो वहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर शामिल हैं। आयोग ने साफ किया है कि आधार नागरिकता या जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है, लेकिन पहचान के तौर पर इसे स्वीकार किया जाता है।
नाम हटाने या जोड़ने का तरीका क्या है?
अगर किसी नाम को सूची से हटाना है तो वोटर सर्विसेज पोर्टल पर उपलब्ध फॉर्म-7 भरकर आपत्ति दर्ज की जा सकती है। नए नाम जोड़ने के लिए बीएलओ से फॉर्म-6 भरकर जमा करना होगा। SIR में वही नाम अंतिम सूची में शामिल किए जाएंगे जिनका फॉर्म जमा हो चुका है।
जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट सूची में नहीं होंगे, उनकी सूची पंचायत भवन, शहरी निकाय कार्यालय या बीडीओ कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर अलग से लगाई जाएगी।









