Arrest Tavleen Singh: वरिष्ठ स्तंभकार और राजनैतिक लेखिका, साहित्यकार तवलीन सिंह के एक लेख पर हंगामा मच गया है। ट्विटर (अब एक्स) पर वह हैशटैग Arrest Tavleen Singh के साथ ट्रेंड हो रही हैं। उनकी गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। साथ ही उन्हें लोग पाकिस्तान चले जाने की सलाह दे रहे हैं।
दरअसल तवलीन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) अपने चर्चित फिफ्थ कॉलम में ‘Time To End Reservations’ शीर्षक से एक लेख लिखा है जिसमें आरक्षण को खत्म करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि सभी तरह के आरक्षण को खत्म करने का यह सही समय है। बकौल तवलीन सिंह- ”अब सभी आरक्षण ख़त्म करने का समय आ गया है। सरकारी नौकरियों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, सेना और हमारे अर्धसैनिक बलों में, सभी आरक्षण ख़त्म किये जाने चाहिए। अब बहुत हो चुका, लेकिन चूँकि हमारे नेताओं के लिए कहना आसान नहीं है, इसलिए वे इसे कहते नहीं।”
Time To End Reservations लेख लिखने वालीं तवलीन सिंह को किया जा रहा ट्रोल
तवलीन सिंह ने लेख में कहा है कि आरक्षण अब तमाशा बन गया है। अब इस सब को समाप्त करने का समय आ गया है। तवलीन सिंह ने कहा, ”जब मराठा जैसी शक्तिशाली शासक जातियां एक ऐसा नेता पैदा करती हैं जो महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए आमरण अनशन करने को तैयार है, तो यह स्पष्ट होना चाहिए कि यह सवाल पूछना शुरू करने का समय है। अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सामाजिक समानता लाने के एक उपकरण के रूप में, आरक्षण विफल रहा है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने राजनीति और शिक्षा में कुछ हद तक जगह उपलब्ध कराने में मदद की।”
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वरिष्ठ पत्रकार ने आगे लेख में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के कथन का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि जब हमारे संविधान में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण की शुरुआत की गई थी, तो यह सदियों से निचली जाति के लोगों के साथ की गई बुराई के प्रायश्चित का एक महत्वपूर्ण संकेत था। यह सिर्फ आवश्यक सकारात्मक कार्रवाई नहीं थी बल्कि कुछ ऐसा था जो शिक्षा और सामाजिक समानता के अधिकार से वंचित लोगों के लिए किया जाना था। लेकिन जिस समय यह सकारात्मक कार्रवाई शुरू की गई, डॉ. अंबेडकर ने सुझाव दिया कि इसे केवल दस साल तक चलना चाहिए। एक दशक के बाद पुन: परीक्षण और सुधार होना चाहिए था लेकिन तब तक हमारे राजनीतिक नेताओं को जाति समूहों को वोट बैंक के रूप में उपयोग करने की शक्ति का पता चल गया था, इसलिए कोई बदलाव नहीं आया।
तवलीन सिंह के इस लेख में आरक्षण के गैरजरूरत होने और इसकी निष्क्रियता की चर्चा की है। इस लेख को लेकर ट्विटर पर वह काफी ट्रोल हो रही हैं। #Arrest_Tavleen_Singh हैशटैग के साथ उनकी गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। लोग उन्हें पाकिस्तान चले जाने की सलाह भी दे रहे हैं।
समाज में नफ़रत फैलाने के आरोप में तवलीन सिंह को गिरफ़्तार किया जाए या फिर उन्हें उनके पसंदीदा देश पाकिस्तान भेजा जाए। #Arrest_Tavleen_Singh pic.twitter.com/iVd6axkFt9
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) December 10, 2023
तवलीन सिंह ने आरक्षण खत्म करने की कही बात तो दिलीप मंडल ने घेरा
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने कहा कि ”तवलीन सिंह को अगर पाकिस्तान पसंद नहीं है तो वे यूरेशिया भी जा सकती हैं। लेकिन भारत में रहना तो संविधान को मानना होगा। ये गुंडागर्दी अब नहीं चलेगी कि सवर्ण संपादक
@rajkamaljha से निकलकर @IndianExpress में कुछ भी छपवा लिया। अरुण शौरी ने 1990 में ये लंपटई की थी। #Arrest_Tavleen_Singh”
बहुत सही। वैसे भी ये मंदिर भारत सरकार का ट्रस्ट बना रहा है। किसी के बाप की संपत्ति नहीं है। मंदिर मैनेजमेंट में रिज़र्वेशन न दिया गया तो आंदोलन होना चाहिए। दक्षिणा सब देंगे और सिर्फ सारा पैसा एक जाति के लोग निकालेंगे, ये नहीं चलेगा। https://t.co/Rp2qUwV6Be
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) December 11, 2023
‘तवलीन सिंह को गिरफ्तार किया जाए’ Arrest Tavleen Singh ट्रेंड
दिलीप मंडल ने इस मुद्दे को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट किया है। उन्होंने तवलीन सिंह को आरक्षण के मुद्दे पर डिबेट के लिए चुनौती दी है। उन्होंने लिखा- मैं तवलीन सिंह को आरक्षण पर खुली डिबेट के लिए आमंत्रित करता हूँ। वे मंच चुनें कि बहस कहाँ होनी है। मेरी सिर्फ एक शर्त है। बहस लाइव होनी चाहिए और कट नहीं होना चाहिए। यूट्यूब संचालकों से निवेदन है कि तवलीन सिंह को निमंत्रण भेजें। मैं यहीं यूएस से लाइव जुड़ जाऊँगा।
दिलीप मंडल ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- तवलीन सिंह को आर्मी में जाति रेजिमेंट चाहिए, वहाँ जाति आधारित नियुक्ति चाहिए, पुजारी पद पर जातिगत आरक्षण चाहिए, पर बाक़ी नौकरियों में आरक्षण ख़त्म करवाना है। सबसे पहले तो बड़े और मालदार मंदिरों में पुजारी पद का जातिगत आरक्षण ख़त्म करो। फिर आओ। बात करेंगे।
Why isn't it Time to End Castes @tavleen_singh?
Why caste based reservation should end, but not caste system?#Arrest_Tavleen_Singh pic.twitter.com/7QlAhOAmN9— ❤️Rebel Jassi✍️ (@RebelJassi) December 11, 2023
तवलीन सिंह ने आगे क्या लिखा है- यदि भारतीयों का कोई एक वर्ग है जिसे आरक्षण से सबसे अधिक लाभ हुआ है, तो वह हमारे राजनेता हैं। उन्होंने जाति, पंथ और जनजाति के आधार पर वोट बैंक बनाने की कला में महारत हासिल कर ली है, और चुनाव आने पर उन्हें चाँद और सितारे देने का वादा करने की कला में महारत हासिल कर ली है। उन्होंने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में आरक्षण का उपयोग अपने लाभ के लिए करने का कौशल भी सीख लिया है, यह नियंत्रित करके कि किसे आरक्षित सीट मिले और किसे नहीं। शिक्षा राजनीतिक सत्ता के लिए इतना उपयोगी उपकरण है कि लगभग कोई भी प्रमुख राजनीतिक नेता ऐसा नहीं है जो व्यक्तिगत रूप से स्कूल या कॉलेज नहीं चला रहा हो। मिलने वाले लाभों में से एक यह है कि आप इस कथित धर्मार्थ गतिविधि के लिए मूल्यवान सार्वजनिक भूमि के विशाल भूभाग पर दावा कर सकते हैं। पूरी व्यवस्था भ्रष्ट, पुरानी और दुष्ट है, और जिन लोगों को इससे बमुश्किल लाभ होता है वे वंचित और डिस्कस हैं।
कौन हैं तवलीन सिंह (Who Is Tavleen Singh)
तवलीन सिंह भारत की प्रसिद्ध स्तम्भकार, राजनैतिक लेखिका एवं साहित्यकार हैं। उनका जन्म 1950 में मसूरी में हुआ था। उन्होंने वेल्हाम कन्या विद्यालय में शिक्षा पायीं। 1969 में नई दिल्ली पॉलीटेकनिक से उन्होने लघु-अवधि का पत्रकारिता पाठ्यक्रम पूरा किया। विकीपीडिया के अनुसार- तवलीन सिंह अपने करियर की शुरुआत इंग्लैण्ड के ‘इविनिंग मेल’ से की। वहाँ ढाई वर्ष बिताने के बाद 1974 में वे भारत लौटीं और ‘स्टेट्समैन’ में रिपोर्टर के तौर पर कार्य करना आरम्भ किया। 1982 में ‘टेलीलीग्राफ में विशेष संवाददाता के तौर पर जुड़ीं।
1985 में तथा 1987 में वे ‘सन्डे टाइम्स’ की दक्षिण एशिया सम्वाददाता के तौर पर कार्य किया। इसके बाद वे ‘इण्डिया टुडे’ तथा ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ में फ्रेलांसर के रूप में कार्य करना शुरू किया। 1990 में वे टेलीविजन के साथ जुड़ीं। उन्होने ‘इपुल प्ल्स’ और ‘बिजनेस प्लस’ नामक दो विडियो पत्रिकाएँ बनायी। स्टर प्ल्स के लिए उन्होने ‘एक दिन एक जीवन’ नामक एक हिन्दी साप्ताहिक प्रोग्राम भी संचालित किया। वह इंडियन एक्सप्रेस और हितवद के लिए रविवार को एक स्तम्भ लिखतीं हैं। उन्होंने पाकिस्तानी व्यवसायी एवम राजनीतिज्ञ, सलमान तासीर से शादी की जिससे उनका बेटा आतिश ताशीर हुआ।