गाजीपुरः जिले के लहुरी काशी क्षेत्र में गंगा नदी के उफान ने लोगों को समय से पहले ही बाढ़ की आहट महसूस करा दी है। आमतौर पर अगस्त और सितंबर में गंगा का जलस्तर इस तरह बढ़ता था, लेकिन इस बार जुलाई के मध्य में ही हालात गंभीर होते नजर आ रहे हैं।
सोमवार को गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर को पार कर 61.690 मीटर तक पहुंच गया। जबकि पिछले वर्ष इसी तारीख को अपराह्न तीन बजे तक यह स्तर केवल 55.500 मीटर था। नदी अब खतरे के निशान 63.105 मीटर के बेहद करीब है और सिर्फ 1.115 मीटर की दूरी शेष है। ऐसे में निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है, जिससे कई गांवों के निवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इधर, करंडा क्षेत्र में सोमवार सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। लगातार बारिश से दीनापुर चट्टी समेत कई क्षेत्रों की व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह ठप रहीं। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि दिनभर ग्राहकों की कमी के चलते बिक्री शून्य रही, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
किसानों ने भी लगातार बारिश को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अत्यधिक जलभराव से खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे आने वाले दिनों में कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और मात्रा पर असर पड़ सकता है।
बारिश और जलभराव की स्थिति ने आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित की है। लोग जरूरी कामों के लिए भी बारिश में भीगते हुए बाहर जाने को मजबूर हैं। वहीं, कुछ स्थानों पर जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने से जलभराव की स्थिति और भयावह हो गई है।
स्थानीय लोगों में आशंका है कि अगर बारिश और जलस्तर की यही स्थिति बनी रही, तो आने वाले दिनों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक चेतावनी या राहत कार्य शुरू नहीं हुआ है।
Q. गाजीपुर में गंगा का जलस्तर क्यों बढ़ रहा है?
A. लगातार बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से पानी के बढ़े बहाव के कारण गाजीपुर में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
Q. क्या गाजीपुर में बाढ़ की संभावना है?
A. वर्तमान में जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर चुका है और खतरे के निशान से थोड़ी ही दूरी पर है, जिससे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
Q. करंडा क्षेत्र में बारिश का जनजीवन पर क्या असर पड़ा है?
A. करंडा क्षेत्र में दिनभर हुई बारिश से व्यापार, यातायात और किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं।