New Education Policy: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार की गई नए पाठ्यक्रम की रूपरेखा (National Curriculum Framework, NCF) के अनुसार, अब साल में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। मंत्रालय ने कहा कि इससे छात्रों को अपने सर्वश्रेष्ठ अंक चुनने का मौका मिलेगा। साथ ही, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को कम से कम दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, जिसमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नये शिक्षा नीति (NEP) के तहत एक नया पाठ्यचर्या ढांचा तैयार किया गया है, जिसके आधार पर 2024 के शैक्षिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें बनाई जाएंगी।
विषय चुनने और तैयारी के हिसाब से बोर्ड परीक्षा में बैठने की आजादी
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के दस्तावेजों के अनुसार, 11वीं और 12वीं कक्षा में छात्रों का विषयों का चयन कला, विज्ञान, वाणिज्य ‘स्ट्रीम’ से सीमित नहीं होगा, बल्कि छात्रों को अपनी पसंद के विषय का चयन करने की आजादी मिलेगी। नए पाठ्यचर्या ढांचे के तहत, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी और छात्रों को उनमें से उन परीक्षाओं में उपस्थित होने की अनुमति होगी, जिनके लिए वे तैयार महसूस करते हैं।
कम से कम दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा
नए पाठ्यचर्या ढांचे (NCF) के अनुसार, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को कम से कम दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, जिनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। यह नया पाठ्यचर्या ढांचा छात्रों की समझ और कौशल के स्तर को महत्वपूर्णीयता देने का लक्ष्य रखता है, जिसका मतलब है कि महीनों तक की कोचिंग और रट्टा लगाने की बजाय छात्रों की वास्तविक समझ और कौशल का मूल्यांकन होगा। इसके तहत, कक्षाओं में पाठ्यपुस्तकों को ‘कवर’ करने की प्रथा को रोका जाएगा और पाठ्यपुस्तकों की कीमतों में कमी आएगी। नए पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय पर ‘मांग के अनुसार’ परीक्षाएं आयोजित करने की क्षमता विकसित करेगा।
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