Squid Game 3 Review Hindi: स्क्विड गेम 3- खेल खत्म, पर कहानी बाकी है!

Squid Game 3 review hindi: भाई साहब, अपनी कुर्सी की पेटी बाँध लीजिए, क्योंकि ‘स्क्विड गेम 3’ (Squid Game Season 3 Review in Hindi) ने एक बार फिर हमारी नींदें उड़ा दी हैं! जब पहला सीज़न आया था, तो उसने दुनिया को हिलाकर रख दिया था। किसने सोचा था कि बच्चों के मासूम खेल इतने खौफनाक और सामाजिक टिप्पणी से भरपूर हो सकते हैं? पहले सीज़न ने न केवल अरबों दिलों को जीता, बल्कि एक ऐसी बहस छेड़ दी कि क्या इंसानियत वाकई पैसे के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है। दर्शकों की प्रतिक्रिया ज़बरदस्त थी – मौलिकता, किरदारों की गहराई और पूंजीवाद पर तीखे वार ने इसे वैश्विक घटना बना दिया।

दूसरे सीज़न ने इस सफलता के बोझ को बखूबी संभाला और कहानी को एक ऐसे मोड़ पर ले आया जहाँ हमने खेलों की क्रूरता के साथ-साथ उनके पीछे की ताकतों को भी समझा। इसने उम्मीदें बढ़ा दी थीं, और अब, ‘स्क्विड गेम 3’ ने इन उम्मीदों को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है! यह सीज़न सिर्फ एक गेम नहीं, बल्कि एक कड़वी हकीकत का सामना है, जहाँ हास्य और व्यंग्य मौत के साए में पलते हैं।

Squid Game 3 की कहानी: जहाँ हँसी और खौफ का संगम होता है

‘स्क्विड गेम 3’ इस बार और भी अंधेरा और भावनात्मक रूप से प्रभावशाली है। कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ सीज़न 2 खत्म हुआ था – सोंग गी-हुन (हमारा प्लेयर 456) अपने हार के बाद टूट चुका है, लेकिन खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। इस बार निगरानी कड़ी है, और गी-हुन को अपने सदमे से बाहर आकर जीवित रहने के लिए संघर्ष करना होगा। कहानी की सबसे बड़ी खासियत इसका डार्क ह्यूमर है। आप देखेंगे कि कैसे जानलेवा परिस्थितियों में भी इंसानियत कुछ ऐसा कर जाती है कि हंसी छूट जाती है, जो कहीं न कहीं उसकी विडंबना को दर्शाता है।

 

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इस सीज़न में तीखा व्यंग्य भी है। यह पूंजीवाद और सामाजिक असमानता पर एक जोरदार हमला है। VIPs की भूमिका इस बार और भी ज़्यादा विस्तारित है, जो इस दिखावे और क्रूरता पर उनकी खुशी को दर्शाती है। यह दिखाता है कि कैसे अमीर लोग गरीबों को अपने मनोरंजन के लिए मोहरों की तरह इस्तेमाल करते हैं। यह आपको गुस्सा दिलाएगा, लेकिन शायद एक कड़वी मुस्कान भी दे जाए। यह सीरीज़ हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम भी कहीं न कहीं इस खेल का हिस्सा तो नहीं हैं, अपनी अज्ञानता में या जानबूझकर।

Squid Game 3 Cast -किरदारों का सफर: हर चेहरा, एक नई पहेली

‘स्क्विड गेम 3’ में किरदारों को और भी गहराई से उभारा गया है। हर किरदार की अपनी एक कहानी है, अपना एक संघर्ष है, जो इस बार और भी व्यक्तिगत और भावनात्मक लगता है।

सोंग गी-हुन (ली जंग-जे): हमारा नायक, जो अब सिर्फ पैसे के लिए नहीं, बल्कि खेल को खत्म करने के मिशन पर है। उसका सफ़र इस बार सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और नैतिक भी है। ली जंग-जे ने गी-हुन के बदले हुए रूप को बखूबी निभाया है, जो अब अपराधबोध और शांत क्रोध से जूझ रहा है। उसकी यात्रा हमें दिखाती है कि इंसानियत की चिंगारी को बुझाना कितना मुश्किल है।

द फ्रंट मैन (ली ब्युंग-हुन): रहस्यमयी फ्रंट मैन और भी जटिल भूमिका में है। उसके इरादे और अतीत की परतें धीरे-धीरे खुलती हैं, जो आपको चौंका देंगी। गी-हुन और फ्रंट मैन के बीच विचारों का टकराव इस सीज़न का भावनात्मक उच्च बिंदु है – जहाँ गी-हुन इंसानियत में विश्वास रखता है, वहीं फ्रंट मैन ने मानव स्वभाव से सारी उम्मीद खो दी है।

नए खिलाड़ी: इस बार भी हमें विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए नए खिलाड़ियों का एक दिलचस्प समूह देखने को मिलता है। हर किसी की अपनी मज़बूरी और अपनी उम्मीदें हैं। एक खिलाड़ी अपनी हास्यप्रद हरकतों से आपको हँसाएगा, पर उसकी अंदरूनी पीड़ा आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। एक और खिलाड़ी, जो दिखने में शांत और सीधा है, पर उसके दिमाग में क्या चल रहा है, ये कोई नहीं जानता। ये नए चेहरे सीरीज़ में ताज़गी लाते हैं और कहानी को अप्रत्याशित मोड़ों पर ले जाते हैं। यह सीज़न कुछ महिला किरदारों की दुखद और दिल दहला देने वाली मौतों के लिए आलोचना का शिकार भी हुआ है, जिसने कई दर्शकों को निराश किया है।
लेखक ने हर किरदार को इस तरह से गढ़ा है कि आप उनसे जुड़ जाते हैं, उनके दर्द को महसूस करते हैं, और उनकी जीत या हार पर भावनात्मक रूप से प्रभावित होते हैं।

Squid Game 3 Spoilers सस्पेंस की हद पार!

यह सीरीज़ आपको अपनी सीट से हिलने नहीं देगी। इसमें कई अप्रत्याशित मोड़ हैं जो आपको बार-बार चौंकाते हैं। आप सोच भी नहीं पाएंगे कि आगे क्या होने वाला है! हर एपिसोड के साथ सस्पेंस और भी गहरा होता जाता है। संगीत और सिनेमैटोग्राफी पहले की तरह ही शानदार है, जो कहानी के डार्क और भयावह मूड को बखूबी दर्शाती है। कुछ दृश्य ऐसे हैं जो आपके दिमाग में लंबे समय तक बने रहेंगे। यह सीरीज़ आपको हँसाएगी, डराएगी, सोचने पर मजबूर करेगी और अंत में एक गहरा संदेश छोड़ जाएगी। यह सिर्फ एक खेल नहीं, यह मानव स्वभाव की गहराई में उतरने का एक अनुभव है।

यह सीज़न अपने पहले सीज़न जितनी मौलिकता नहीं रखता और कुछ हिस्से दोहराए हुए लगते हैं, खासकर VIPs के डायलॉग। लेकिन बावजूद इसके, यह सीरीज़ अपनी क्रूरता, सामाजिक टिप्पणी और सस्पेंस को बरकरार रखती है। यह सीज़न सबसे गहरा और सबसे विनाशकारी है, जो नैतिक पतन की खाई में सीधे झांकता है। यह जीत के बारे में नहीं है; यह केवल जीवित रहने के बारे में है, जहाँ जीवित रहना भी एक तरह की हार महसूस कराता है।

तो, अगर आप एक ऐसी सीरीज़ की तलाश में हैं जो आपको मनोरंजन के साथ-साथ सोचने का मौका भी दे, तो ‘स्क्विड गेम 3’ निश्चित रूप से आपकी वॉचलिस्ट में होनी चाहिए। पर हां, दिल थाम के बैठिएगा, क्योंकि यह आपको रात भर जगाए रख सकती है!

🔖 शीर्षक (Title) स्क्विड गेम 3 (Squid Game Season 3)
📺 स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म Netflix
🎭 शैली (Genres) थ्रिलर, ड्रामा, सस्पेंस, डार्क कॉमेडी, सोशल सटायर
🧩 एपिसोड 6 एपिसोड
⏱️ रनटाइम 40–60 मिनट प्रति एपिसोड
🗓️ रिलीज़ डेट 27 जून 2025
🌍 मूल भाषा कोरियन (हिंदी, अंग्रेज़ी समेत अन्य भाषाओं में डबिंग उपलब्ध)
🎬 निर्देशक ह्वांग डोंग-ह्युक
✍️ लेखक ह्वांग डोंग-ह्युक
👤 मुख्य कलाकार ली जंग-जे (गी-हुन), ली ब्युंग-हुन (फ्रंट मैन)
🗺️ लोकेशन / सेटिंग सियोल, दक्षिण कोरिया
💡 मुख्य विषय वर्ग संघर्ष, पूंजीवाद की आलोचना, नैतिक संघर्ष, अस्तित्व की लड़ाई
🧠 टैगलाइन “यह खेल जान का है… और ज़मीर का भी!”
🎞️ हाईलाइट्स ‘Hide & Seek’ गेम, गहरे संवाद, सिनेमैटोग्राफी, भावनात्मक क्लाइमैक्स
रेटिंग (IMDb/NDTV) ★★★★½ (4.5/5)
📊 Metacritic स्कोर 66/100
📈 दर्शकों की प्रतिक्रिया विभाजित – क्रूरता, सच्चाई और व्यंग्य पसंद आया; अंत ने बहस खड़ी की
कमज़ोर पक्ष कुछ दोहराव, VIP पात्र कमजोर और बनावटी
🏆 क्या देखना चाहिए? हाँ – अगर आप गहरी, थ्रिलर और सोचने पर मजबूर करने वाली सीरीज़ पसंद करते हैं
🔗 ट्रेलर लिंक YouTube पर देखें
🌐 IMDb पेज Squid Game Season 3 – IMDb

 

 

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संजय कुमार

मैं खबर काशी डॉटकॉम के लिए बतौर एक राइटर जुड़ा हूं। सिनेमा देखने का शौक है तो यहां उसी की बात करूंगा। सिनेमा के हर पहलू—कहानी, अभिनय, निर्देशन, संगीत और सिनेमैटोग्राफी—पर बारीकी से नजर रहती है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं दर्शकों को ईमानदार, साफ-सुथरी और समझदारी भरी समीक्षा दूँ, जिससे वो तय कर सकें कि कोई फिल्म देखनी है या नहीं। फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, समाज का आईना भी होती हैं—और मैं उसी आईने को आपके सामने साफ-साफ रखता हूँ।"

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