Up News: उत्तर प्रदेश के शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा जारी एक नए आदेश के तहत, प्रदेश के सभी शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के आधार कार्ड पंजीकरण और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब, ग्राम विकास अधिकारियों से जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार छीनकर शिक्षकों को सौंप दिया गया है।
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यह नया निर्देश, जो 04 सितंबर 2024 को जारी किया गया था, यह सुनिश्चित करता है कि विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य द्वारा विद्यार्थियों का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र विद्यालय स्तर पर ही जारी किया जाएगा। इस आदेश का मुख्य उद्देश्य प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाना है, ताकि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को ग्राम विकास अधिकारियों के पास जाने की आवश्यकता न हो।
प्रमुख बिंदु:
- जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार: अब शिक्षा संस्थानों में प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा ही विद्यार्थियों के जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जो पहले ग्राम विकास अधिकारियों के अंतर्गत था।
- आधार कार्ड पंजीकरण: प्रत्येक छात्र का आधार कार्ड पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाएगा, और यह कार्य प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा ही प्रारंभ किया जाएगा।
- शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी: समस्त विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने यहां पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र की जानकारी संबंधित पोर्टल पर दर्ज करें।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी इस आदेश में सभी विद्यालयों को यह भी निर्देशित किया गया है कि बच्चों का पंजीकरण और आधार कार्ड से संबंधित सभी जानकारी सही और सुचारू ढंग से पोर्टल पर दर्ज की जाए, जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। इस आदेश को उच्च अधिकारियों तक सूचना स्वरूप भेजा गया है।
इसका उद्देश्य
इस पहल का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की पहचान को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सुरक्षित और प्रमाणिक करना है, ताकि शैक्षिक लाभ और अन्य सरकारी योजनाओं का सही ढंग से लाभ मिल सके।