Himachal से लेकर पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर तक बारिश का हाहाकार; बाढ़, भूस्खलन से कई जिंदगियां तबाह

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से लेकर उत्तराखंड, पंजाब और अब मणिपुर में हालात बिगड़ चुके हैं। इन राज्यों में भारी बारिश के बाद भूस्खलन और बाढ़ के कारण कई जिंदगियां तबाह हो चुकी हैं। 14 अगस्त को शमिला के समर हिल इलाके में भारी भूस्खलन और क्षतिग्रस्त शिव मंदिर के मलबे में दबे लोगों की तलाश और बचाव अभियान जारी है। उधर पंजाब में भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है। यहां के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।

लगातार बारिश के कारण रूपनगर के नंगल के भनम गांव में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। वहीं गुरदासपुर में भी भारी बारिश के बाद कुछ हिस्सों में जलभराव की स्थिति है। इस बीच उत्तराखंड में लगातार बारिश के बाद यहां की जमीनों में दरारें आ चुकी हैं। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भी भारी बारिश के बाद नोनी जिले में भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं जिससे इंफाल-सिलचल राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। इस मार्ग पर कम से कम 500 मालवाहक वाहन फंसे हुए हैं।

हिमाचल प्रदेश में चौथे दिन भी रेस्क्यू जारी

हिमाचल प्रदेश में 14 अगस्त को समर हिल में शिव मंदिर के क्षतिग्रस्त होने से यहां मलबे में कई लोग दब गए। रेस्क्यू को 72 घंटे हो चुके हैं। सोमवार और मंगलवार को एक-एक लाशें बरामद हुईं जिससे अबतक 13 लाशों निकाली जा चुकी हैं। अभी भी 7 के लापता होने की सूचना है। और उनकी तलाश जारी है। कुल 57 लोगों की मौत हुई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है।

एनडीआरएफ इंस्पेक्टर नसीफ खान ने कहा कि दिन से रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चल रहा है। भारतीय सेना, एसडीआरएफ और पुलिस यहां बचाव कार्य में जुटी हुई है। लापता 21 लोगों में से अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं।

उत्तराखंड में फटी जमीनें, 15 घर, 17 गौशालाएं नष्ट

उत्तराखंड: देहरादून जिले की विकासनगर तहसील के लांघा जाखन गांव में भूस्खलन के कारण 15 घर और 7 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। जाखन गांव में 16 परिवारों के 50 लोग रहते हैं। घटना के दौरान किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। सभी प्रभावित लोगों को पचता गांव के एक स्कूल में बनाए गए राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है। भूस्खलन के कारण सड़कें भी धंस गई हैं।

उत्तराखंड के मदमहेश्वर धाम में भारी बारिश के कारण पुल बहने से 293 लोग फंसे थे जिन्हें बाहर निकालने का अभियान बुधवार को पूरा हो गया। बचाए गए लोगों में ज्यादातर श्रद्धालु हैं। अधिकारियों ने बताया कि चमोली जिले के हेलंग में मकान ध्वस्त होने से दो सगे भाइयों की मृत्यु हो गयी और पांच अन्य घायल हो गए जबकि पौड़ी जिले के मोहनचट्टी में दो दिन पहले एक रिजॉर्ट पर भूस्खलन के बाद मलबा गिरने से दबे सभी लोगों के शव बरामद हो गए।

रूद्रप्रयाग जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि मदमहेश्वर धाम में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) तथा पुलिस द्वारा चलाया गया बचाव और राहत अभियान पूरा हो गया है और वहां फंसे ज्यादातर श्रद्धालुओं समेत सभी 293 लोगों को ‘रोप रिवर क्रासिंग मेथड’ तथा हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित निकाल लिया गया है।

मणिपुर में भूस्खलने से 500 मालवाहक वाहन फंसे हुए हैं

उधर, मणिपुर के नोनी जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं जिससे इंफाल-सिलचल राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। इस मार्ग पर कम से कम 500 मालवाहक वाहन फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर इरांग तथा अवांगखुल भाग 2, खोंगसांग एवं अवांगखुल के बीच और रंगखुई गांव में भूस्खलन की घटनाएं हुईं। राजमार्ग से मलबा हटाने और यातायात को बहाल करने के लिए कार्य जारी है।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ। बीते वर्ष जिले में रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भीषण भूस्खलन में कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना जिरिबाम-इंफाल रेलवे लाइन पर तुपुल रेलवे यार्ड के निर्माण स्थल पर 30 जून को हुई थी। हिंसा प्रभावित राज्य में भूस्खलन के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। जहां कई दिनों तक चली सड़क नाकेबंदी ने मालवाहक वाहनों की आवाजाही को प्रभावित किया था जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हुआ था। राज्य में तीन महीनों से जातीय हिंसा जारी है जिसमें 160 लोगों की जान चली गई है।

पंजाब के रूपनगर के नंगल के भनम गांव और गुरुदासपुर में बाढ़

पंजाबः लगातार बारिश के कारण रूपनगर के नंगल के भनम गांव में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। गुरदासपुर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पर बटाला के SSP अश्विनी गोत्याल ने कहा कि पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण होशियारपुर, गुरदासपुर का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है…अब तक हमने लगभग 75 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। गुरुदास पुर की स्थिति पर NDRF इंस्पेक्टर, संजय बिष्ट ने कहा कि मैं बचाव और निकासी के लिए 24 लोगों की एक टीम के साथ यहां आया हूं… प्रशासन हमें वहां-वहां तैनात कर रहा है जहां जरूरत है।

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ में फंसे 960 से अधिक लोगों को बचाया गया

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने बुधवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ में फंसे 960 से अधिक लोगों को बचाया गया है और करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ ने बताया कि इन राज्यों में बचाव और राहत के लिए केंद्रीय बल की 29 टीमों को तैनात किया गया है जिनमें से 14 सक्रिय हैं जबकि बाकी को तैयार अवस्था में रखा गया है।

NDRF द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक गत कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, शिमला और मंडी जिले में एवं पंजाब के रूपनगर में अचानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। इसके अनुसार बारिश और बाढ़ से कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई स्थानों पर अब भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हैं।

बयान में शाम सात बजे तक अद्यतन की गई जानकारी के हवाले से बताया गया कि एनडीआरएफ ने इन राज्यों में अबतक 960 से अधिक पीड़ितों को बचाया है और 10,363 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एनडीआरएफ के अलावा राज्य आपदा प्रतिक्रिया इकाई, सेना, वायुसेना, पुलिस और स्थानीय अधिकारी प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान चला रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में इस सप्ताह बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन हुए, सड़कें अवरुद्ध हो गईं और मकान ध्वस्त हो गए।

इन घटनाओं में लगभग 60 लोगों की मौत हुई है और मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका है। पंजाब में, भाखड़ा और पोंग बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद होशियारपुर, रूपनगर और गुरदासपुर जिलों के कई गांव जलमग्न हो गए। उत्तराखंड में भी पिछले दो दिनों में मूसलाधार बारिश हो रही है जिसकी वजह से कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और भूस्खलन की वजह से बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री मंदिरों तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गए।

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