Gyanvap Masjid ASI Survey: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर की ASI सर्वे की इजाजत दे दी है। दोनों पक्षों की बहस पूरी कर ली गई थी सिर्फ हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार था। मुस्लिम पक्ष (gyanvapi Muslin Side) ने वाराणसी जिला अदालत के मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण कराने के फैसले का विरोध किया था। इसको लेकर मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद सर्वे पर शीर्ष अदालत ने रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इसपर जल्द फैसला करने को कहा था। दोनों ही पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाते हुए सर्वे की इजाजत दे दी।
तत्काल प्रभाव से एएसआई सर्वे का कार्य शुरू करने का आदेश
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने मस्जिद कमिटी की याचिका को खारिज कर दी है। तत्काल प्रभाव से एएसआई सर्वे का कार्य शुरू करने का आदेश दिया है। एएसआई की ओर से कोर्ट में साफ कहा गया कि हम ब्रशिंग, मैपिंग और अन्य विधियों से सर्वे का काम करेंगे। एएसआई ने कहा कि जब खुदाई की जरूरत पड़ेगी तो हम कोर्ट से मंजूरी लेंगे। एएसआई ने कोर्ट में साफ कहा कि सर्वे से किसी को भी कोई नुकसान नहीं होने वाला है।
4 अगस्त तक पूरा करना था सर्वे लेकिन कोर्ट में खींच गया मामला
गौरतलब है कि वाराणसी जिला कोर्ट ने एएसआई को सर्वे का काम पूरा कर 4 अगस्त तक रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया था। हालांकि, कोर्ट में मामला खिंचने के बाद सर्वे की प्रक्रिया पर रोक लग गई। वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में 4 अगस्त को ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर सुनवाई होनी है। कोर्ट में एएसआई की ओर से सर्वे को लेकर स्टेटस रिपोर्ट पेश किया जा सकता है।
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने फैसले का किया स्वागत
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एएसआई सर्वे से उम्मीद है, सच सामने आएगा। मंदिर के तोड़े जाने का सच अब सामने आएगा। गौरतलब है कि इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। मस्जिद में हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न और देवी-देवताओं की तस्वीरों को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए। इसे ऐतिहासिक भूल करार दिया था।