Gyanvapi masjid case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के कार्बन डेटिंग सर्वे कराने की याचिका पर वाराणसी की जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिला अदालत ने ASI को विवादित (gyanvapi mosque controversy) हिस्सा छोड़कर पूरे परिसर का कार्बन डेटिंग सर्वे कराने की अनुमति दे दी है। अदालत ने वजू टैंक के हिस्से को छोड़कर बाकी परिसर के सर्वे की इजाजत शुक्रवार दे दी। उधर मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे का विरोध किया था। गौरतलब है कि याचिका को लेकर 14 जुलाई को बहस पूरी कर ली गई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 21 जुलाई की तारीख फैसले के लिए तय की थी।
हिंदू पक्ष के वकीलों में खुशी की लहर
शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक जांच कराने की अनुमति दी। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी, वाराणसी ने कहा कि कोर्ट ने एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारे प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया गया है। यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
#WATCH हमारा कहना था कि उस पूरे क्षेत्र का ASI द्वारा सर्वेक्षण करना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी है और अब ASI ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगा। शिवलिंग का सर्वेक्षण नहीं होगा। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त… pic.twitter.com/K9RblUALQG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2023
अब ASI ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगाः हिंदू पक्ष के वकील
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद (gyanvapi masjid news) मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमारा कहना था कि उस पूरे क्षेत्र का ASI द्वारा सर्वेक्षण करना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी है और अब ASI ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगा। शिवलिंग का सर्वेक्षण नहीं होगा। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है। मगर शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण होगा।
जैन ने 14 जुलाई को बहस के दौरान अपनी दलील में अदालत से कहा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर – ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जांच द्वारा ही हल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने अदालत के समक्ष ये दलील रखी कि पुरातात्विक सर्वेक्षण से परिसर को नुकसान पहुंच सकता है, जिस पर हमने अदालत के समक्ष परिसर को बिना नुकसान पहुंचाए आधुनिक तरीके से जांच कराने की मांग रखी। ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने का आग्रह करते हुए वाराणसी की जिला अदालत में दायर याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने 22 मई को अपनी आपत्ति दाखिल की थी।यह याचिका 5 महिलाओं द्वारा दायर की गई है जिसमें मंदिर परिसर के अंदर शृंगार गौरी स्थल पर पूजा पाठ करने की इजाजत मांगी गई थी।