Gyanvapi Masjid Survey: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की वाराणसी ( Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की एएसआई सर्वेक्षण (ASI Survey) को रोकने की मांग खारिज कर दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 31 जुलाई तक ASI सर्वे पूरा करें। और इस बात का ध्यान रखें कि ढांचे को कोई नुकसान ना पहुंचे। लेकिन गुरुवार शाम तक सर्वे पर रोक जारी रहेगा। वहीं मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से साक्ष्य जुटाने के लिए कुछ समय की मांग की है।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने मुस्लिम पक्ष से किया ये सवाल?
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने पूछा कि क्या सर्वे का सील किए गए क्षेत्र यानी वजूखाना से कोई लेना-देना है? इस पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा जवाब में कहा कि सील क्षेत्र में किसी भी तरह का कोई काम नहीं किया जाएगा। इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील नकवी ने कहा, वजूखाना संपत्ति का हिस्सा है, ऐसे में सर्वे किया गया तो उस क्षेत्र को भी नुकसान हो सकता है। जिसपर कोर्ट ने कहा कि वाराणसी कोर्ट के आदेश में इस तरह का कोई जिक्र नहीं है कि सर्वे से वजुखाना को किसी तरह का कोई नुकसान हो सकता है। मामले में गुरुवार को भी होगी सुनवाई।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का सवाल और दोनों पक्षों की दलील
सीजे ने पूछा कि क्या खुदाई करना बेहद जरूरी है? जिसप हिंदू पक्ष के कहा कि हां, लेकिन मस्जिद के अंदर हम खुदाई नहीं करेंगे सिर्फ ग्राउंड रडार मैपिंग का उपयोग कर रहे हैं। हिंदू पक्ष के वकील जैन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ही खुदाई की जाएगी,वह भी अंतिम चरण में।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने आगे पूछा- किस सेक्शन के तहत महिला पक्ष ने ASI सर्वे की मांग की गई है? आप क्या अब इस तरह की दलीलें दे सकते हैं, जब सुनवाई पूरी हो गई है। मुस्लिम पक्ष ने कहा- सुनवाई पूरी नहीं हुई है। कोर्ट ने एप्लिकेशन फाइल होते ही सर्वे का आदेश पास कर दिया। महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके पास सबूत नहीं हैं, और ASI को सबूत इकट्ठे करने चाहिए।
एएसआई के अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि एएसआई की टीम विवादित परिसर में नहीं है और अदालत के आदेश के बगैर सर्वेक्षण का कोई काम नहीं किया जाएगा।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि वादी के पास वास्तव में कोई साक्ष्य नहीं है और वे एएसआई सर्वेक्षण की मदद से साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहते हैं। इसपर अदालत ने उनसे पूछा कि यदि कानून साक्ष्य के इस तरह के संग्रह की अनुमति देता है तो याचिकाकर्ता को क्या नुकसान होगा। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि वाराणसी जिला अदालत के समक्ष मुकदमे में एएसआई सर्वेक्षण के लिए यह उचित चरण नहीं है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई के सर्वेक्षण से ढांचे को किसी तरह का नुकसान होने नहीं जा रहा।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अपील पर बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे सुनवाई शुरू की जो दोपहर साढ़े बारह बजे तक चली। भोजनावकाश के बाद सुनवाई फिर शाम साढ़े चार बजे से शुरू होकर पांच बजे तक चली। मस्जिद कमेटी के वकील ने दलील दी कि 21 जुलाई को आदेश पारित करते समय वाराणसी की अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंच गई कि सर्वेक्षण रिपोर्ट की अनुपस्थिति में मुद्दे को हल नहीं किया जा सकता, लेकिन अदालत ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उसके समक्ष रखी गई सामग्रियों पर चर्चा नहीं की।