Israel Hamas Gaza Attack: यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच इजरायल और हमास ने एक-दूसरे पर हमला बोल दिया है जिसमें सैकड़ों मौतें हुई हैं। गाजा पट्टी में फिलिस्तीन (palestine) के उग्रवादियों ने शनिवार इजरायल पर हमला कर दिया जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को बंधक भी बनाया गया है। उधर, स्थानीय फिलिस्तीन ने भी गाजा पट्टी में हुए इजराइली हमले में 198 लोगों की मौत का दावा किया है। और करीब 1000 लोगों के घालय होने की बात कही है।
हमास ने इजरायल पर करीब 5000 रॉकेट दागे। यही नहीं उग्रवादी इजरायल के कई शहरों में घुस गए हैं। इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए युद्ध की घोषणा कर दी और गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए।
Israeli police forces arrested several Hamas terrorists who infiltrated Israel from Gaza.
Salute the brave defenders of Israel. pic.twitter.com/1PO7vMP5XY
— Hananya Naftali (@HananyaNaftali) October 7, 2023
इजरायल पर हमले की जिम्मेदारी कट्टरपंथी उग्रवादी संगठन हमास ने ली है। गौरतलब है कि इससे पहले भी हमास इजरायल पर हमले करते रहा है। ताजा हमले के बीच हमास ने कुछ वीडियो भी जारी किए हैं जिसमें कट्टरपंथी इजरायली आतंकवादियों को पकड़ रहे हैं। इजरायल में हमास कट्टरपंथियों की घुसपैठ के बाद वहां 22 जगहों पर मुठभेड़ चल रही है। एक दिन पहले ही इजरायल ने 5वीं सालगिरह मनाई थी। इसके बाद ही हमास के बेहद खतरनाक तरीके से हमले का सामना करना पड़ रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ”ये जंग है और ये जंग हम जीतेंगे। हमारे दुश्मनों को इसकी ऐसी कीमत चुकानी होगी। जिसके बारे में उनको पता नहीं होगा।”
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हमास क्या है ? What Is Hamas
हमास क्या है और इजरायल पर हमले क्यों कर रहा है, थोड़ा समझते हैं। हमास एक फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन है और यह एक राजनीतिक पार्टी के रूप में भी जाना जाता है। हमास का मतलब इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन होता है। हमास की स्थापना 1987 में हुई थी। इसका निर्माण इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन के पहले विद्रोह के दौरान मौलवी शेख अहमद यासीन ने की थी। चरमपंथी संगठन होने के साथ-साथ हमास राजनीति पार्टी भी है। अमेरिका, इजरायल और ब्रिटेन समेत कई देश इसे आतंकवादी संगठन को तौर पर सूचीबद्ध कर चुके हैं।
हमास के बनने का क्या है कारण? Why Hamas Created
साल 1988 में जारी चार्टर के मुताबिक हमास ‘यहूदी समुदाय और इजरायल को पूरी तरह खत्म’ करके ही दम लेगा। हमास ने चार्टर में फिलिस्तीन और इजरायल समेत सारे इलाके को इस्लामिक जमीन बताया था और यहूदी देश के साथ किसी भी तरह के स्थायी शांति समझौते से इनकार किया था।
हमास के उद्देश्य क्या हैं ? Hamas Aim
हमास का निर्माण इसके 2 उद्देश्य को लेकर हुआ था। पहला- इजरायल के खिलाफ हथियार उठाना और दूसरा- समाज कल्याण के काम करना। धीरे-धीरे यह राजनीति में कदम रखा दिया।
राजनीति में कैसे हुई हमास की एंट्री? How did Hamas enter in politics?
गाजा और वेस्ट बैंक के क्षेत्र को फलस्तीन नेशनल अथॉरिटी (PNA) के तौर पर जाना जाता है, जहां सरकार चलाने की जिम्मेदारी फलस्तीनियों के पास है। यहां फतह पार्टी का शासन था। 2005 में फतह पार्टी के अध्यक्ष महमूद अब्बास और इजरायली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन के बीच संघर्ष विराम हुआ और इजरायल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली। इसके बाद हमास राजनीति में सक्रिय हुआ और गाजा पट्टी में चुनाव जीता।
कितना खतरनाक और शक्तिशाली है हमास? How dangerous and powerful is Hamas?
BBC की मानें तो हमास के पास कई अत्याधुनिक हथियार हैं। उसके पास रॉकेट से लेकर मोर्टार और ड्रोन हमला करने की क्षमता है। हमास की एक यूनिट को कोर्नेट गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए भी देखा गया है। हमास अपने हथियारों का निर्माण गाजा पट्टी में ही करता है और उसे ये तकनीक ईरान से मिली है। इजरायल का कहना है कि हमास के पास कम दूरी की मारक क्षमता वाली ‘कास्सम’ और ‘कुद्स 101’ मिसाइलें भी हैं। बतातें चलें कि हमास को सबसे ज्यादा फंडिंग ईरान से मिलती है। हर साल ईरान करीब 800 करोड़ रुपये की मदद हमास को भेजता है।
फिलिस्तीन-इजरायल के बीच क्या है विवाद? What is the dispute between Palestine and Israel?
बीबीसी के मुताबिक, प्रथम विश्व युद्ध में ऑटोमन साम्राज्य के खत्म होने के बाद इस इलाके पर ब्रिटेन का कब्ज़ा हो गया। जहां अधिकतर यहूदी और अरब समुदाय के लोग रहते थे। दोनों में तनाव बढ़ा (israel palestine conflict) जिसके बाद ब्रिटेन शासकों ने यह मामला संयुक्त राष्ट्र ले गये। संयुक्त राष्ट्र ने यहूदियों के लिए फिलिस्तीन में ‘अलग जमीन’ बनाने की बात की। यहूदी इस इलाके को अपने पूर्वजों की ज़मीन मानते हैं। इस पर अरब समुदाय भी अपना दावा करता है। इसको लेकर दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया। 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बांटने के फैसले पर मुहर लगी, एक हिस्सा यहूदियों (इजरायल) का और दूसरी अरब समुदायों (फिलिस्तीनी) का हो गया। जेरूसलम को संयुक्त राष्ट्र ने अपने अधिकार क्षेत्र में रखा। अरब के विरोध के बीच 14 मई 1948 को यहूदी नेताओं ने इसराइल राष्ट्र के गठन का एलान किया और ब्रितानी यहां से चले गए।
इजरायल-फिलिस्तीन के बीच पहले युद्ध में 7 लाख से अधिक हुए थे बेघर
इसके तुरंत बाद इसरायल-अरब के बीच पहला युद्ध हुआ जिसमें क़रीब साढ़े सात लाख फिलिस्तीनी बेघर हो गए। इस युद्ध के बाद ये पूरा क्षेत्र तीन हिस्सों में बंट गया- इसराइल, वेस्ट बैंक (जॉर्डन नदी का पश्चिमी किनारा) और गजा पट्टी। फिलिस्तीनी आबादी गजा पट्टी और वेस्ट बैंक में रहती है। गजा पट्टी में 22 लाख लोग रहते हैं। इसराइल का मक़सद दुनिया के मंच पर यहूदी राष्ट्र के रूप में मान्यता पाने का है। वहीं फिलिस्तीन इसका विरोध करता रहा है।